Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश की बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ अथॉरिटी (बीबीएनडीए) इंडस्ट्रियल प्लॉट निर्माण और उद्योगों को जमीन के आबंटन के लिए शक्तियां चाहती है। सरकार ने हाल ही में उसे आवासीय निर्माण कार्यों में जुडऩे के लिए मंजूरी दे दी है, मगर उसकी डिमांड इंडस्ट्रियल कार्यों से जुडऩे की भी है। बीबीएन अथॉरिटी का मानना है, क्योंकि उसके एरिया में इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर है और भविष्य में भी इंडस्ट्री आनी है, ऐसे में उनको यह काम सौंपा जाए कि वह एरिया डिवेलप करके उद्योगों को दे। इसके लिए अथॉरिटी के पास शक्तियां चाहिएं और यह तभी हो सकेगा, जब सरकार एक विशेष एक्ट उनके लिए पारित करेगी। पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में बीबीएनडीए एक्ट को लेकर भी चर्चा हुई है, क्योंकि अथॉरिटी की ओर से सुझाव सरकार को भेजा गया था, मगर इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार इस पर विस्तार से चर्चा कर प्रस्ताव को पास करेगी और मामला बजट सत्र में विधानसभा में आएगा। इसके लिए विशेष एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद बीबीएन अथॉरिटी यह काम कर सकेगी। इसके लिए कुछ मापदंड तय होंगे। अभी तक उद्योगों के लिए प्लॉट तैयार करने और उनको जमीन आदि की व्यवस्था करने का काम हिमाचल प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन या फिर हिमुडा के पास है। वैसे ज्यादातर काम इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन कर रहा है।
जिसने बरोटीवाला व बद्दी के अलावा परवाणू में भी ऐसे कई प्लॉट बनाकर उद्योगों का दिए हैं। हाल ही में बीबीएनडीए को सरकार ने आवासीय क्षेत्र में काम करने की अनुमति दी है। अब आने वाले समय में लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत बीबीएनडीए खुद जमीन खरीदेगा और उसे विकसित करके आवासीय निर्माण लोगों के हिसाब से करेगा। हालांकि यह काम इस अथॉरिटी के लिए अभी उतना आसान नहीं है मगर धीरे-धीरे आवासीय क्षेत्र के निर्माण में यह आगे बढ़ सकता है। उद्योगों को आवासीय ढांचे की भी यहां काफी ज्यादा जरूरत रहती है और बड़े पैमाने पर मजदूर वर्ग यहां पर रहता है, जिनके लिए भी आवासों का निर्माण किया जा सकता है। इससे पहले बीबीएनडीए को सबसे प्रमुख जमीन की खरीद करनी होगी, जिसके लिए उसने सरकार से लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी ली है। इसकी अधिसूचना में मापदंड तय होंगे और प्रदेश का नगर नियोजन विभाग इस पॉलिसी को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करेगा। बीबीएन अथॉरिटी को यदि एक्ट पास होता है तो उसके माफिक वह अपने काम का आगे बढ़ा सकेगा और उद्योगों के लिए भी निर्माण कार्यों से जुड़ेगा। हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में भी इस तरह की अथॉरिटी काम कर रही है। खासकर पंजाब व हरियाणा के अलावा नोयडा में इस तरह की सरकारी एजेंसियां हैं, जो इस तरह का काम कर रही है। उसी तर्ज पर यहां बीबीएनडीए भी काम करना चाहती है, ताकि वह सरकार की ग्रांट पर न चलकर खुद आत्मनिर्भर बने।