बनारस रेलवे स्टेशन वीडियो: 100 करोड़ हुए खर्च, दिखी मोदी-योगी की जोड़ी, जाने खासियत

Update: 2021-12-14 10:42 GMT

Banaras Railway Station: आधी रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बनारस स्टेशन दौरा सुर्ख़ियों में है. पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. पीएम मोदी बीती रात करीब 1 बजे बनारस रेलवे स्टेशन (Banaras Railway Station) के प्लेटफार्म नंबर 8 पर पहुंचे और स्टेशन पर हुए विकास कार्य का जायजा लिया.

बनारस रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए कई विश्व स्तरीय सुविधाओं का विकास किया गया है. बता दें कि इस स्टेशन का नाम मंडुआडीह था, जिसे बदलकर बनारस (Banaras Railway Station) रखा गया. आइए जानते हैं इसके विकास की कहानी.
कुछ महीने पहले तक इस स्टेशन का नाम मंडुआडीह (Manduadih Railway Station) हुआ करता था. जिसे जुलाई 2021 में बदलकर बनारस कर दिया गया. इस स्टेशन को यात्री सुविधाओं के मद्देनजर वर्ल्ड क्लास का स्टेशन बनाया गया है. पहले इस स्टेशन पर महज तीन प्लेटफार्म हुआ करते थे लेकिन वर्तमान समय में यहां आठ प्लेटफार्म हैं. रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन की श्रेणी में विकसित किया गया है. जहां पर भारतीय रेलवे (Indian Railway) द्वारा यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की कोशिश की गई है.
बनारस रेलवे स्टेशन (Banaras Railway Station) को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाया गया है. जहां प्लेटफार्म नंबर 8 की तरफ यात्रियों के लिए एक बड़ा लाउंज बनाया गया है. इस लाउंज में एक तरफ बुकिंग काउंटर है तो दूसरी तरफ दीवार पर बड़े आकार की अर्धनारीश्वर की तस्वीर उकेरी गई है. जिस के बीचों-बीच भागीरथी को बहता हुआ दिखाया गया है.
रेलवे स्टेशन पर वीआईपी लाउंज के साथ-साथ खानपान के भी कई स्टॉल खोले गए हैं. अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए स्टेशन के दोनों तरफ फुटओवर ब्रिज बनाए गए हैं. जिससे यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में असुविधा ना हो.


इसके साथ ही दिव्यांगजनों के आवागमन के लिए भी अलग से सुविधाएं दी गई हैं. इस स्टेशन पर कुल 8 प्लेटफॉर्म हैं. जिनमें 2 लिफ्ट और 2 एस्कलेटर भी स्थापित किए गए हैं. इस स्टेशन पर एक वेटिंग हॉल भी बनाया गया है. जिसकी क्षमता 161 यात्रियों के बैठने की है. साथ ही साथ 108 सीट का अपर क्लास वेटिंग हॉल भी है. जिसमें पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग वेटिंग रूम की व्यवस्था की गई है.
प्लेटफॉर्म पर पे एंड यूज की तर्ज पर साफ-सुथरे टॉयलेट भी बने हैं. इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी रेलवे ने खास इंतजाम किए हैं. सभी प्लेटफार्म के साथ एंट्री और एग्जिट गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, इस स्टेशन को विकसित करने के लिए पिछले 6 सालों में तकरीबन 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि इस स्टेशन का नाम पहले मंडुआडीह हुआ करता था. जिसे पिछले जुलाई में बदलकर बनारस कर दिया गया. नाम बदले जाने के पीछे का कारण उन्होंने बताया कि यह स्टेशन वाराणसी के अंदर ही आता है. लेकिन दूरदराज से आने वाले यात्रियों को इसके पिछले नाम से कुछ भ्रम हो जाता था और लोग इस स्टेशन को बनारस से कनेक्ट नहीं कर पाते थे. जिसे दूर करने के लिए इस स्टेशन का नाम बदलकर बनारस कर दिया गया.




 


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