धार्मिक जगहों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए-इलाहाबाद हाइकोर्ट में दायर की याचिका

मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों में प्रार्थना और अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।

Update: 2021-05-27 18:06 GMT

मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों में प्रार्थना और अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। इलाहाबाद हाइकोर्ट में गुरुवार को यह याचिका दायर की गई। याचिका लगाने वाले आशुतोष कुमार शुक्ल ने कहा है कि लाउडस्पीकरों के शोर के कारण पास में रहने वालों की नींद में खलल पड़ती है। यह शोर टार्चर जैसा है।

शुक्ल का तर्क है कि हर आदमी को उतनी ही आसानी से सोने का हक है, जितनी आसानी से वह सांस लेता है। अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। अतएव, नींद ऐसी मौलिक, आधारभूत आवश्यकता है, जिसके बिना जिंदगी का वजूद की खतरे में पड़ जाएगा। किसी की नींद में खलल डालना उसे यातना देने के समान है, जो कि मानव अधिकार के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। याचिका में कहा गया है कि धार्मिक संगठनों का लाउडस्पीकर या दूसरे साउंड एम्प्लीफायर के उपयोग का अधिकार अनुच्छेद-25 में मिला पूर्ण, अनिर्बंधित अधिकार नहीं है। इसके साथ सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य की शर्तें जुड़ी हैं।
याचिकाकर्ता ने एक पुराने मामले को भी अदालत के संज्ञान में लाते हुए कहा कि अफज़ल अंसारी बनाम यूपी सरकार के इस केस में हाइकोर्ट ने फैसला दिया था कि अज़ान तो इस्लाम का आवश्यक एवं अटूट अंग है लेकिन अज़ान का लाउडस्पीकर पर बोला जाना धर्म का आवश्यक हिस्सा नहीं। शुक्ल ने कहा है कि इस आदेश का भी पालन नहीं किया जा रहा।
याचिका के जरिए कोर्ट को बताया गया है कि लाउडस्पीकर के दुरुपयोग के खिलाफ अब तक सात शिकायतें हो चुकी हैं। इनमे से छह अज़ान में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ थीं। शिकायत में कहा गया है कि प्रसिद्ध गायक सोनू निगम को भी लाउडस्पीकर पर अज़ान से तकलीफ थी जिसे उन्होंने एक ट्वीट के जरिए सार्वजनिक किया था।
सोनू ने ट्वीट में लिखा थाः भगवान सबको खुशियां दे। मैं मुसलमान नहीं हूं और मुझे सुबह अज़ान से जागना पड़ता है। आखिर भारत से यह जबर्दस्ती की धार्मिकता कब खत्म होगी। आशुतोष शुक्ल ने अपनी बात पर वजन डालने के लिए सोनू निगम के अलावा इलाहाबद विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर की शिकायत का हवाला दिया है।
वाइस चांसलर ने अपनी शिकायत प्रयागराज के जिलाधिकारी के पास पत्र के जरिए भेजी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि पास की मस्जिद से हर रोज दी जाने वाली अजान से उनकी नींद साढ़े पांच बजे खुल जाती है। इसके बाद नींद नहीं आती, नतीजतन सारा दिन सरदर्द बना रहता है, जिससे काम पर असर पड़ता है।


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