Aani. आनी। श्रीखंड में बादल फटने से समेज, बागीपुल, केदस और ढरोपा में बाढ़ के कारण हुई त्रासदी से निरमंड उपमंडल के कई पुल बह गए थे। पुल बहने से आसपास के लोगों का संपर्क पूरी तरह से कट गया था और क्षेत्र की नकदी फसल सेब को देश व प्रदेश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाने में भी भारी परेशानी खड़ी हो गई थी। ऐसे में सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद यहां के कठिन जनजीवन को सामान्य करने के लिए संबंधित विभागों को अविलंब निर्देश दिए। जिसके तहत जल शक्ति विभाग और विद्युत विभाग ने जहां वाधित लाइनों को बहाल किया। वहीं लोक निर्माण विभाग ने बैली पुलों के निर्माण में तेजी लाई और समेज, बागीपुल व केदस पुल के बाद अब ढरोपा पुल को भी रविवार शाम को सीमित अबधि में तैयार कर दिया है। इस बैली पुल की कुल लंबाई 100 फुट और इसकी भार क्षमता 35 टन है।
पुल लगने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। पुल का निर्माण करने करने वाले लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता भीमसेन नेगी ने कहा कि हमें बेहद खुशी है कि पुल बनने के बाद लोगों की मुश्किलें कम होंगी। इंजीनियर भीम सैन नेगी ने बताया कि उनका यह 106वां बैली ब्रिज है जो उन्होंने पुन: रिकॉर्ड समय में बनाकर जनता को समर्पित किया है। आपदा में मेकेनिकल इंजीनियर भीम सैन नेगी व उनकी पूरी टीम देवदूत साबित हुए हैं। इनकी कार्य कुशलता की क्षेत्र वासियों द्वारा प्रशंसा की जा रही है। प्रधान ग्राम पंचायत गडेज दारा सिंह कायथ का कहना है पुल बनने से ग्राम पंचायत गडेज के अलावा पंचायत देहरा, निथर, दूराह, लोट, शिल्ली,पलेही, कुठेड़ तथा दलाश के हजारों ग्रामीणों को राहत मिलेगी। राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्री विक्रमादित्य का आभार जताया है।