फरीदाबाद: फरीदाबाद क्राइम ब्रांच बदरपुर बॉर्डर प्रभारी इंस्पेक्टर सेठी मलिक की टीम ने फर्जी डाक्यूमेंट्स बनाकर कोर्ट के मुकदमों में जमानत दिलाने वाले 3 आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. संजय नाम का व्यक्ति फर्जी ड्राईवर बन कर एक्सीडेंट के मुकदमों में पैसों के लिए फर्जी ड्राइवर बनता था. डीसीपी क्राइम नरेंद्र कादियान ने जानकारी देते हुए बताया की आरोपी जमशेद गांव मादलपुर धौज, आरोपी संजय डबुआ कॉलोनी और आरोपी मनीष संजय कॉलोनी का रहने वाला है.
क्राइम ब्रांच टीम ने तीनों आरोपियो को गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर मुख्य सिपाही रविन्द्र को फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाने के लिए 5000/- रुपए दिए और आरोपियो के पास भेज दिया. आरोपियों ने पैसे लेकर आपस में बांट लिए. मुख्य सिपाही ने सब इंस्पेक्टर जमिल के नेतृत्व में गई टीम को इशारे से बुलाया. तीनों आरोपियों को मौके से ही पकड़ लिया गया. आरोपियो से चेकिंग के दौरान दिए गए पैसे और फर्जी आईडी और फर्जी फर्द जमीन बरामद की गई है. आरोपियों के खिलाफ थाना सेन्ट्रल में फ्रॉड करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
संजय नाम का व्यक्ति फर्जी ड्राइवर बन कर एक्सीडेंट के मुकदमों में पैसों के लिए फर्जी ड्राइवर बनता था. वकील इस गैंग का सरगना है वकील ही इनको फर्जी आईडी व जमीन की फर्जी फर्द बनाकर देता था. वकील ही सभी को जमानत का काम दिलाता था.
पूछताछ में सामने आया की आरोपी जमशेद, मनीष व संजय ने साथ मिलकर वर्ष 2019/20 से फरीदाबाद कोर्ट में फर्जी आईडी के द्वारा छोटे-बड़े सभी प्रकार के आरोपियों की फर्जी जमानती देने का काम शुरु किया था. आरोपी 2019/20 से लेकर अब तक करीब 50 लोगों को जमानत दिला चुके हैं. फर्जी डाक्यूमेंट्स से जमानत दिलाने वाला गिरोह का सरगना मुख्य आरोपी वकील अपने माध्यम से गुनहगार को फर्जी जमानत दिलाने का काम दिलाता था.
पूछताछ में आरोपी जमशेद, मनीष व संजय नागर ने बताया कि वे वकिल के कहने पर फरीदाबाद में फर्जी ID देकर फर्जी जमानत व फर्जी ड्राइवर बन कर एक्सीडेंट के केस फर्जी क्लेम ले लेते थे. आरोपियो से मौके पर फर्जी आईडी और आरोपी जमशेद से 2250 रुपये, संजय से 1750 रुपये और आरोपी मनीष से 1610 रुपये बरामद हुए है.