बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, अदालत ने कहा- पूरे इंटरव्यू का बिना एडिट वीडियो लाओ, जाने- क्या है पूरा मामला

Update: 2021-06-30 06:19 GMT

फाइल फोटो 

योगगुरु बाबा रामदेव की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने रामदेव के पूरे इंटरव्यू का बिना एडिट किया हुआ वीडियो मांगा है. अब मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी. बाबा रामदेव पर एक इंटरव्यू के दौरान एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है.

रामदेव की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्वामी जी ने स्पष्टीकरण दिया है, डॉक्टरों के प्रति उनके मन में पूरा सम्मान है, पिछले साल जब पतंजलि ने कोरोनिल दवा निकाली और डॉक्टरों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कोरोनिल वापस ले लिया. सभी को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, वायरल हुआ वीडियो आंशिक वीडियो था.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि बाबा रामदेव का जो वीडियो वायरल हुआ वह सही नहीं है, हम सही वीडियो कोर्ट में जमा करेंगे. उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव को लेकर देशभर में विभिन्न शहरों में एफआईआर दर्ज कर दी गई है, हम यह चाहते हैं कि तमाम एफआईआर एक साथ यानी क्लब की जाएं और उनको दिल्ली ट्रांसफर किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव को कहा कि जो कुछ भी उन्होंने एलोपैथी और डॉक्टरों के लिए कहा है उसे हलफनामे के जरिए अदालत में दाखिल करें. कोर्ट रामदेव की अर्जी पर अब सोमवार को सुनवाई करेगा.
क्या है पूरा मामला
एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की लड़ाई में योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज कराए गए थे. इसको लेकर बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. रामदेव ने अपनी याचिका में आईएमए पटना और रायपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगाने और प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है.
पिछले दिनों ही छत्तीसगढ़ के रायपुर में योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. कोरोना के इलाज में दी जा रहीं एलोपैथिक दवाओं को लेकर गलत जानकारी फैलाने के आरोप में उन पर यह केस दर्ज किया गया था. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की छत्तीसगढ़ यूनिट ने एफआईआर कराई है.
इससे पहले एलोपैथी के खिलाफ बोलने और डॉक्टरों का मजाक उड़ाने से संबंधित वीडियो वायरल करने के आरोप में बाबा रामदेव पर आईएमए ने पटना में केस दर्ज करवाया था. राजधानी के पत्रकार नगर थाने में केस नंबर 317/21 के तहत बाबा रामदेव पर 186/188/269/270/336/420/499/504/505 आईपीसी, 51, 52, 54 डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत एफआईआर की गई. 
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