रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात भगवान केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गड्डिस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई है. आज सुबह डोली को धाम रवाना करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा. कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद बाबा केदार के प्रति आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला. बाबा को विदा करते समय भक्तों की आंखें नम थीं. अब 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोल दिए जाएंगे.
दरअसल, 6 माह शीतकाल के दौरान भगवान ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवास करते हैं. ग्रीष्मकाल आते ही तय तिथि पर बाबा केदार की डोली केदारनाथ के लिए रवाना हो जाती है. इसी परंपरानुसार भगवान केदार की चल विग्रह मूर्ति आज रात गुप्तकाशी, मंगलवार को फाटा और 4 मई को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी. 5 तारीख को डोली केदारनाथ पहुंचेगी और 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर भक्तों के लिए बाबा केदार के कपाट खोल दिए जाएंगे.
आज शीतकालीन गड्डिस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से डोली को रवाना करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. हज़ारों भक्तों की जयकारों को बीच बाबा केदार के लिए रवाना हुए. कोरोना महामारी के दो साल के बाद आस्था का सैलाब देखने को मिला. बाबा के प्रति भक्तों में जोरदार उत्साह था. बाबा की पैदल डोली यात्रा के साथ हजारों भक्त चल रहे हैं.
केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने बताया कि विधि विधान से डोली को रवाना किया गया है. 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर कपाट खोल दिए जाएंगे.