State के सभी बैरियर पर लगेंगे ऑटोमेटिक कैमरे

Update: 2024-06-30 09:49 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश के सभी बैरियर पर व्यवस्थाएं पहले से ज्यादा पुख्ता होंगी। एक तरफ जहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने इन बैरियर पर अपनी पैनी नजर रखी हुई है, तो दूसरी तरफ अब परिवहन विभाग भी यहां कैमरों से नजर रखेगा। यहां परिवहन विभाग विशेष रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रहा है, जिसके लिए विभाग ने संबंधित फील्ड अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यहां विशेष तौर पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्रिशन कैमरे होंगे, जिनकी नजर से हर वाहन गुजरेगा। इसमें परिवहन विभाग को सबसे अधिक फायदा टैक्स चोरी को पकडऩे का होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे वाहन प्रदेश में प्रवेश कर जाते हैं, जिनका टैक्स जमा नहीं होता। कहीं न कहीं यह पकड़ में आसानी से नहीं आते। लिहाजा अब उनकी धरपकड़ के लिए परिवहन विभाग अपने प्रयास करने जा रहा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 12 बैरियर हैं, जहां पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्रिशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे। इनका संचालन भी शिमला मुख्यालय से किया जाएगा। इनका पूरा
डाटा शिमला में होगा, जहां पर एक स्टेट सेंटर बनाया जाएगा।

उसमें सभी वाहनों की नंबर प्लेट से पता चल जाएगा कि क्या-क्या खामियां हैं। उसमें सामने आने के बाद तुरंत फील्ड को शिमला से फोन जाएगा और वाहन को रास्ते में कहीं भी पकड़ लिया जाएगा। पहली बार प्रदेश में इस तर की व्यवस्था की जा रही है। यहां बताया जाता है कि वाहनों के चालान भी ऑनलाइन करने की व्यवस्था को अब जल्द ही शुरू किया जा रहा है। बैरियर से क्रॉस होने वाले वाहनों में यदि किसी तरह की खामी पाई जाती है, तो वाहन मालिक को ऑनलाइन चालान भी जा सकता है। पुलिस की तर्ज पर इस तरह से ऑनलाइन चालान की व्यवस्था की जा रही है। अभी तक पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब में ऐसी व्यवस्था चल रही है, जहां पर रेड लाइट जंप करने पर भी ऑनलाइन चालान आ जाता है। हिमाचल में अभी इतनी पुख्ता व्यवस्थाएं नहीं हैं, लेकिन आने वाले समय में ऐसा किया जा रहा है। इससे नियम तोडऩे वालों पर सख्ती होगी। टैक्स कलेक्शन में जो कमियां हैं, उनकी भी भरपाई आसानी से हो जाएगी। इससे सरकार का राजस्व भी बढऩा तय है। परिवहन विभाग का मानना है कि कई तरह की व्यवस्थाएं करने के बावजूद टैक्स चोरी अभी भी हो रही है। कमर्शियल वाहन लाखों की संख्या में प्रदेश में आते व जाते हैं, जिनका आसानी से रिकार्ड नहीं जुटाया जा सकता। हालांकि टैक्स न देने वालों पर कार्रवाई निरंतर होती है, फिर भी व्यवस्थाओं में कमियां भारी पड़ रही हैं। इससे सरकार के राजस्व को नुकसान होता है, जो भविष्य में न हो इसके लिए नए प्रयास हो रहे हैं।
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