महाराजगंज। 6 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप का प्रयास। असफल होने पर उसकी फर्श पर पटक कर हत्या। फिर तेजाब से जलाने की कोशिश। इस वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी नाबालिग। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह सनसनीखेज वारदात उत्तर प्रदेश के महराजगंज की है। पुलिस ने बुधवार को मिली बच्ची की डेडबॉडी मिलने के बाद जो कुछ खुलासा किया। वो चौंकाने वाला था। मामले में दो नाबालिग आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उन्होंने पुलिस को क्या कुछ बताया, चलिए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं।
महाराजगंज के सिंदुरिया थाना के एक गांव में 48 घंटे पहले बुधवार की सुबह 6 बजे 6 वर्ष की मासूम बच्ची का शव बरामद किया गया। बच्ची का चेहरा जला हुआ और सिर पर गंभीर चोट के निशान थे। बच्ची के साथ कुछ गलत हुआ। इसकी चर्चा होने लगी। इधर, बच्ची उसी गांव की है, इसका पता जल्द ही चल गया। बच्चियों के परिजन ने मंगलवार की रात को बच्ची के लापता होने की सूचना पुलिस को दी थी। सूचना मिलते ही बुधवार को मौके पर एसपी डॉ. कौस्तुभ समेत कई थानों का पुलिस बल जा पहुंचा। एसपी ने तत्काल वारदात के खुलासे के लिए चार टीमें गठित कर दी। इसमें SOG, स्वाट और सिन्दुरिया पुलिस के अलावा सर्विलांस की टीम थी।
डॉग स्क्वायड ने दिया था क्लू
बच्ची का शव मिलने के बाद मौके पर फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड की टीमें भी जा पहुंची। मौके पर पहुंचे खोजी कुत्ते ने जो इनपुट दिया। उससे यह तो जाहिर हो गया था कि आरोपी आस-पास का ही है। इसके बाद पुलिस टीम ने गहनता से जांच-पड़ताल की। पुलिस ने गांव के सभी लोगों से पूछताछ की, तभी पुलिस को इनपुट मिला कि बच्ची को आखिरी बार गांव के दो किशोरों के साथ देखा गया था। इसी इनपुट के आधार पर पुलिस ने दोनों किशोरों को डिटेन कर लिया। उनसे पूछताछ की गई। पहले तो दोनों कुछ भी बताने से मना करते रहे। फिर पुलिस की सख्ती के आगे, दोनों टूट गए।
पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया, ''20 जून को दिन का समय था। दोपहर के 11 बज रहे होंगे। इस दौरान बच्ची मैगी खा रही थी। हम दोनों उसके घर की गली के सामने खड़े थे। उसने हमें देखा, तो हमने उसे टॉफी खिलाने की बात कही। टॉफी खिलाने के बहाने ही उसे हम अपने घर ले गए।'' आरोपियों ने कहा, ''उस समय हमारे घर पर कोई नहीं था। हम दोनों उसके साथ गलत काम करने की कोशिश करने लगे। वो चिल्लाने लगी। लगातार शोर मचा रही थी। कहीं कोई आ न जाए। हम पकड़े न जाएं। इसी डर से हमने उसका गला दबा दिया। इसके बाद उसका सिर दीवार से टकरा दिया। फिर उसके सिर से खून निकलने लगा।''