एएसआई सस्पेंड, रिश्वत मांगते ऑडियो वायरल होने पर एसपी ने की कार्रवाई
आदेश जारी
बिहार। शराबबंदी कानून को सफल बनाने की जिम्मेदारी पुलिस वालों के कंधे पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मसले पर अपने जीरो टोलरेंस की नीति पर कायम हैं। यह कानून बहुत सख्त है। लेकिन राज्य में कुछ पुलिस वाले इसी का फायद उठाकर जनता से उगाही कर हैं। ताजा मामला सासाराम से आया है जहां थानेदार समेत दो पुलिस अधिकारी को एसपी आशीष भारती ने पहली नजर में दोषी पाते हुए सस्पेंड कर दिया है।
यह मामला बीते 18 दिसंबर का है। रोहतास के नौहट्टा थाना के बौलिया में जंगल झाड़ से देसी शराब बरामद किया गया था। इस मामले में नौहट्टा पुलिस ने बौलिया के ग्रामीण रवि चौधरी के घर पर छापामारी की। पुलिस ने यह केस रवि चौधरी पर लाद दिया और उसके ठिकारने से शराब की बरामदगी दिखा दी। बताया जा रहा है कि थानाध्यक्ष स्वयं रवि चौधरी के घर पहुंचे और धमकी दिया कि केस में फंसाकर जेल भेज देंगे। उसके बाद रवि चौधरी से उगाही का सिलसिला शुरू हुा। थानाध्यक्ष ने एक एएसआई दिनेश प्रसाद, चौकीदार सतेंद्र पासवान के साथ मिलकर रवि चौधरी की पत्नी कुसुम देवी को मोबाइल पर फोन किया और कहा कि 50 हजार दे दो तो केस नहीं होगा। अगर 50 हज़ार रुपये नही दिया तो केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। थाने की पुलिस ने पूरे परिवार को इस केस में फंसा देने की धमकी भी दी।
पीड़ित महिला ने बातचीत का ऑडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और मामले की लिखित शिकायत एसपी आशीष भारती से कर दी। कुसुम देवी ने एसपी को वह ऑडियो क्लिप भी दिया। उसके बाद एसपी आशीष भारती ने जब पूरे मामले की जांच करवाई तो आरोप सही पाया गया। प्रथमदृष्टया सही आरोप पाय जाने पर एसपी ने कार्रवाई करते हुए एएसआई दिनेश प्रसाद तथा चौकीदार सतेंद्र को निलंबित कर दिया। इसके अलावे एसपी ने नौहट्टा थाना के थानाध्यक्ष संजय कुमार वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया।
एसपी आशीष भारती ने कहा कि आरोप की जांच मुख्यालय डीएसपी से करवायी गयी। डीएसपी की जांचनमें यह बात सामने आई की नौहट्टा थाना की पुलिस ने महिला को फोन किया तथा उससे पैसे की मांग की गयी थी। इसी के आधार पर यह कार्रवाई की गयी है। दरअसल रवि चौधरी पुराना कारोबारी है। शराबबंदी नही होने से पहले भी उसका यह धंधा था। 2018 में रवि चौधरी शराब बेचने के आरोप में पकड़ा गया और उसे जेल भेजा गया था। यह पुलिस वालों के लिए बड़ा हथियार बन गया। वहीं पीड़ित महिला का कहना है कि उसके पति को तीन साल पूर्व फंसाया दिया गया था। इस बार भी जंगल में बरामद शराब को उनके घर में बरामदगी दिखाने की धमकी देते हुए पैसे देने के लिए धमकाया जा रहा था। इस संबंध में पुलिसकर्मियों और महिला के बीच बातचीत का ऑडियो उसने टेप कर लिया था। जब यह ऑ़डियो वायरल हुआ तो एसपी ने कार्रवाई कर दी।