अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने 16 मार्च को पेश होने को कहा

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Update: 2024-03-07 14:30 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के चर्चित आबकारी नीति मामले में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दाखिल की गई अर्जी पर कोर्ट ने सभी आरोपियों से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख मुकर्रर की गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि ED के समन का पालन न करने के कारण अरविंद केजरीवाल पर प्रथम दृष्ट्या आईपीसी की धारा 174 का मामला बनता है. ऐसे में कोर्ट के पास इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि वो केजरीवाल को समन जारी करे. ईडी की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने का समन भेजा. कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में ईडी ने सभी आरोपियों से सहयोग करने और ट्रायल में बिना वजह देरी ना करने का आदेश दिए जाने की मांग की है.

ED ने ये भी आरोप लगाया है कि आरोपियों द्वारा जानबूझकर मामले में अड़ंगा लगाया जा रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने इस पर भी कोर्ट से सभी आरोपियों को निर्देश देने की मांग की है. सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकीलों द्वारा दस्तावेजों की जांच के लिए समय मांगने पर ED के वकील ने कहा कि ट्रायल में देरी की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर ED ने अदालत में एक शिकायत अर्जी दी है कि कोर्ट आरोपियों को जांच में सहयोग और ट्रायल में देरी ना करने का निर्देश दे. ED ने कोर्ट को बताया कि एक आरोपी को दी गई CCTV फुटेज का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गलत तरीके से जांच एजेंसी ED को बदनाम करने के लिए किया. पार्टी ने मीडिया को गलत जानकारी दी. ED ने कहा कि हमने कोर्ट के आदेश पर आरोपी अमनदीप ढल को CCTV फुटेज उपलब्ध कराया था. साथ ही हमने कोर्ट को बताया था कि उक्त CCTV में ऑडियो रिकॉर्डिंग का सिस्टम नहीं था. इसके बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री आतिशी ने अगले दिन एक प्रेस कांफ्रेंस करके जांच एजेंसी पर झूठे आरोप लगाए. बता दें कि इसी मामले में ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी कई बार समन भेजा है लेकिन वह शामिल नहीं हुए है.

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