मणिपुर हिंसा को लेकर अरविंद केजरीवाल ने दिया बड़ा बयान

बड़ी खबर

Update: 2023-08-17 11:19 GMT
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन चर्चा के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक कह रहे हैं कि मणिपुर उनके लिए मायने नहीं रखता है और विधानसभा छोड़कर चले गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है कि मणिपुर से उनका कोई लेना देना नहीं है. मणिपुर के लोगों के दिल पर क्या गुजर रही होगी. उन्होंने कहा कि मणिपुर घटना पर प्रधानमंत्री चुप हैं. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी को कम से कम शांति की अपील करनी चाहिए थी. लेकिन पीएम मणिपुर में शांति के लिए अपील तक जारी नहीं कर रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा कि मणिपुर में 4 हजार घर जलाए गए, 60 हजार लोग बेघर हुए, डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई. साढ़े 300 धार्मिक स्थल जलाए गए, असम राइफल और मणिपुर पुलिस के बीच गोलाबारी हुई. पूरी दुनिया में भारत की थू-थू हुई. लेकिन भारत के प्रधानमंत्री चुप रहे. उन्होंने कहा कि जब एक वीडियो वायरल हुआ, महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ तब भी प्रधानमंत्री चुप रहे. जबकि मणिपुर के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वहां यह रोज हो रहा है. घर में सब्जी ना बने, पानी ना आए तो प्रधानमंत्री को याद नहीं करते. लेकिन जब सारे सिस्टम फ़ैल हो जाएं तब लोग प्रधानमंत्री को याद करते हैं.
विधानसभा में सीएम केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के लोग पानी पी-पी कर जवाहरलाल नेहरू को गाली देते हैं. कम से कम जवाहरलाल नेहरू ने आंखों में आंखें डालकर चीन से युद्ध तो किया था. देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि आपको बिजनेस करने वाला प्रधानमंत्री चाहिए या देश का सम्मान करने वाला प्रधानमंत्री चाहिए. उन्होंने कहा कि हाथ में हाथ डालकर मंदिर में घूमने से इश्क होता है कूटनीति नहीं होती है. डिप्लोमेसी करने के लिए आंखें दिखानी होती हैं.
पिछले दिनों दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठीं महिला पहलवानों का जिक्र करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि महिला पहलवानों को पीएम मोदी से आश्वासन की उम्मीद थी. उम्र के लिहाज से भी प्रधानमंत्री बेटियों के पिता के समान हैं. अगर बाप मुंह मोड़ ले, तो बेटियां कहां जाएंगी.
केजरीवाल ने चीन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि चीन हमें आंख दिखा रहा है, ललकार रहा है, लेकिन पीएम चुप हैं. साथ ही कहा कि पीएम महाबलेश्वर में चीनी प्रधानमंत्री का हाथ पकड़कर उनके साथ चल रहे थे. मई 2020 में चीन ने गलवान में भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने दिल्ली की 4 गुना जमीन पर कब्जा कर लिया, लेकिन पीएम चुप रहे.
हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा पर केजरीवाल ने कहा कि इसे लेकर दुनिया में थू-थू हुई, लेकिन पीएम मोदी चुप रहे. थोड़े दिन पहले उन्होंने भाषण दिया. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन बाद में उन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया.
केजरीवाल ने विधानसभा में अडानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कम से कम हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर एक ट्वीट करना चाहिए था. लोग अब अटकलें लगा रहे हैं कि मोदी अडानी मुद्दे पर चुप क्यों हैं. लोगों का पैसा डूब गया लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे. चारों तरफ अफवाह फैलती है देश के लिए अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या को देश से भगा दिया. देश जानना चाहता है कि इनसे प्रधानमंत्री मोदी आपकी क्या डील है RBI के मुताबिक 16000 बिल्फुल डिफाल्टर हैं, उन पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई क्यों नहीं करते? लेकिन हमारे प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?
केंद्रीय मंत्री के बेटे ने लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर जीप चढ़ा दी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप रहे. हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री एक कमजोर, अहंकारी और भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं?
Tags:    

Similar News

-->