गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन का इलाज अब दिल्ली में होगा, SC ने यूपी सरकार को दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुधवार (28 अप्रैल) को निर्देश दिया है कि पिछले साल गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को आरएमएल या एम्स में या फिर जिस किसी अस्पताल में उसका इलाज संभव है, वहां भर्ती कराया जाए। बता दें, कप्पन कोविड-19 से संक्रमित है। उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि इलाज के बाद पत्रकार को वापस मथुरा जेल में स्थानांतरित कर दिया जाए।
बता दें, सिद्दीक को जमानत के लिए समुचित कोर्ट के सामने अपील करनी होगी। पत्रकार को हाथरस जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार किया गया था, जहां पिछले साल 14 सितंबर को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस सलाह पर राज्य सरकार से निर्देश प्राप्त करें। पीठ ने कहा कि केरल के पत्रकार यूनियन (केयूडब्ल्यूजे) व कप्पन की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर आगे की सुनवाई दोपहर एक बजे की जाएगी।
सॉसीटर जनरल तुषार मेहता ने जताया विरोध
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के निर्देश का यह कहते हुए विरोध किया कि इसी तरह के कई आरोपियों का राज्य के अस्पतालों में इलाज हो रहा है और कप्पन को खास तवज्जो महज इसलिए नहीं मिलनी चाहिए कि मामले में याचिकाकर्ता पत्रकारिता संबंधी एक निकाय है।
कोर्ट के आदेश पर मेहता ने कहा, 'दिल्ली के अस्पताल में आरोपी को भर्ती कराने के लिए आप आदेश दें, हमे एक पेशेंट की जगह कप्पन को एडजस्ट करना होगा, इसके लिए मैं सक्षम नही हूं, लिहाजा इसके लिए आदेश करें।' इस पर सीजेआई ने कहा कि यह व्यवस्था आप खुद करें। हम स्वास्थ्य के मुद्दे तक सीमित हैं। यह राज्य के हित में भी है कि आरोपी को बेहतर इलाज मिले।
पिछले साल 16 नवंबर को शीर्ष अदालत ने पत्रकार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश से जवाब दाखिल करने को कहा था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।