सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख नरवणे बोले- मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने की जरूरत

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि मतभेदों को आपसी समझ और बातचीत से निपटाए जाने की जरूरत है

Update: 2021-04-19 16:46 GMT

चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि मतभेदों को आपसी समझ और बातचीत से निपटाए जाने की जरूरत है, न कि एकतरफा कार्रवाई से। उन्होंने यह भी कहा कि पैंगोंग लेक इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से दोनों देशों की सेनाओं का पीछे हटना दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक कदम है। जनरल नरवणे ने यह बात एक कार्यक्रम में कही।

यथास्थिति बनी रहनी चाहिए
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने हाल में जारी बयान में कहा है कि टकराव को टालते हुए दोनों देशों की सीमा पर शांति और यथास्थिति बनी रहनी चाहिए। यही बात भारत और चीन के संबंधों के भविष्य का आधार बनेगी। 
पाकिस्तान
के साथ संबंधों पर चर्चा करते हुए जनरल नरवणे ने कहा, फरवरी में दोनों देशों ने सीमा के लिए नया संघर्षविराम समझौता किया है।
सकारात्मक माहौल बन रहा
सेना प्रमुख ने कहा कि उस समझौते के बाद से दोनों ओर से सीमा और नियंत्रण रेखा पर कोई गोलीबारी नहीं हुई है। यह आपसी संबंधों का सकारात्मक पक्ष है। चीन के साथ संबंधों में भी दोनों देशों की सीमा पर सकारात्मक माहौल बन रहा है। सैन्य कमांडरों के बीच हुई 11 वें दौर की वार्ता का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा, बातचीत से उम्मीद बनी है कि अन्य सीमा क्षेत्रों से भी जल्द ही चीन के सैनिकों की वापसी होगी।
भारत शांति की दिशा में कर रहा काम
सेना प्रमुख ने कहा, भारत अपने सभी पड़ोसियों और क्षेत्र में शांति और सौहार्द बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस कोशिश में उसे सफलता भी मिल रही है।
इन इलाकों में तैनात हैं जवान
उल्लेखनीय है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग में अभी बने हुए हैं। यहां से भी उन्हें पीछे जाने के लिए तैयार करने को दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है। गत वर्ष मई महीने में कोरोना संक्रमण का फायदा उठाते हुए चीनी सैनिक भारतीय इलाकों में घुस आए थे और उन पर अपना अधिकार जता दिया था। लेकिन बातचीत के बाद पैंगोंग लेक से तो वे वापस चले गए लेकिन बाकी स्थानों पर अभी जमे हुए हैं।


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