पंजाब। खेतों में पराली जलाने से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. बीते दिनों दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी जहरीली हो गई थी कि सांस लेना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण के बीच पराली जलाने की घटनाओं पर सरकार ने सख्ती दिखाई है. पूर्वांचल में पराली जलाने वाले किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि समाप्त कर दी जाएगी. वहीं, 1 एकड़ पर ढाई हजार रुपये और 1 एकड़ से ऊपर होने पर 5000 तक का जुर्माना लगाने की बात भी कही जा रही है.
बता दें पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं पंजाब से सामने आ रही हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृहनगर जिले संगरूर से सबसे ज्यादा इस तरह के मामले सामने आ रहा है. यहां पर तकरीबन 300 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. किसानों से अब तक 7 लाख रुपये से ज्यादा जुर्माने के तौर पर वसूला जा चुका है.
वहीं, मोगा जिले में भी कई किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. जिले के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने हाल ही में कहा था कि खेतों में आग लगाने वाले किसानों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जा सकता है. इनके कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. पराली में आग लगाने वालों के हथियारों का लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाएगा. उपायुक्त कुलवंत सिंह ने ये भी जानकारी दी कि आग की घटनाओं के लिए प्रत्येक गांव के नंबरदार, पंच और सरपंच जिम्मेदार होंगे. यदि कोई नंबरदार खुद अपने खेत में आग लगाता है, तो उसे उसके पद से हटाया जाएगा. इसी तरह पंच और सरपंच के खिलाफ भी विभाग को कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.
वहीं, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में भी पराली जलाने वाले के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. यहां पराली जलाने गए किसानों से जुर्माना वसूला जा रहा है. वहीं, बिना एसएमएस लगाए धान काट रहे 16 हार्वेस्टर मशीनों को सीज भी किया गया है. राजस्व टीम व कृषि विभाग की संयुक्त टीम द्वारा प्रत्येक ग्राम सभाओं में चौपाल के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.