क्या इजरायल में अब मास्क जरूरी नहीं, 85 फीसदी लोगों को लग चुकी कोरोना की वैक्सीन
इजरायल (Israel) ने बेहद सफल टीकाकरण अभियान के बाद अब घरों में मास्क लगाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है
इजरायल (Israel) ने बेहद सफल टीकाकरण अभियान के बाद अब घरों में मास्क लगाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. यह पाबंदी मंगलवार को हटाई गई. हालांकि लोगों को अब भी विमानों में और आइसोलेशन सेंटर जाने के दौरान मास्क (Mask) लगाना होगा. जिन लोगों को अब तक कोविड रोधी टीका नहीं लगा है उन्हें नर्सिंग होम (Nursing Home) और अन्य दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मास्क का इस्तेमाल करना होगा.
इजरायल ने अपनी लगभग 85 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण कर दिया है जिसके बाद वहां स्कूलों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह खोल दिया गया है. इजरायल की 90 लाख से ज्यादा की आबादी में कोरोना वायरस के महज कुछ दर्जन उपचाराधीन मरीज ही हैं
पर्यटकों को दिखाना होता है वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
अधिकारी कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर बढ़ी चिंताओं के कारण हालांकि विदेशी लोगों का स्वागत करने को लेकर थोड़ी सतर्कता बरत रहे हैं. इजरायल ने पिछले महीने के अंत में आगंतुकों के ऐसे पहले समूह की मेजबानी की थी. यहां पहुंचने पर सभी पर्यटकों को टीकाकरण प्रमाण-पत्र दिखाना होता है और उनकी जांच भी की जाती है.
रविवार को इजरायल में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिला. संसद की ओर से सरकार गठन की मंजूरी मिलने के बाद हुए मतदान में नफ्ताली बेनेट को एक वोट से बहुमत हासिल हुआ. इसी के साथ इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू का 12 साल लंबा कार्यकाल समाप्त हो गया. एक सदस्य की अनुपस्थिति के साथ सरकार के पक्ष में 60 वोट पड़े और विपक्ष ने 59 वोट हासिल किए.
कौन हैं इजरायल के नए PM नफ्ताली बेनेट?
नफ्ताली बेनेट एक ऑर्थोडॉक्स यहूदी हैं और वह इजराल के पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो हमेशा किप्पा (यहूदी लोगों की धार्मिक टोपी) पहनते हैं. वह तेल अवीव के रान्नना में रहते हैं. बेनेट ने अपने जीवन की शुरुआत हायफा से की. वह इजरायली सेना को अपनी सेवाएं भी दे चुके हैं. नफ्ताली बेनेट ने ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण किया है, जो एक आधुनिक, धार्मिक और राष्ट्रवादी विचारधारा वाला व्यक्ति है.
बेनेट एलीट सायरेट मटकल कमांडो यूनिट में सेवा देने के बाद कानून की पढ़ाई के लिए हिब्रू यूनिवर्सिटी गए. 1999 में उन्होंने एक एंटी-फ्रॉड सॉफ्टवेयर कंपनी क्योटा की स्थापना की, जिसे उन्होंने 2005 में 145 मिलियन डॉलर में एक अमेरिकी कंपनी को बेच दिया.