हॉकी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल
हॉकी (Hockey) को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल हुई है.
हॉकी (Hockey) को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल हुई है. वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की है. याचिका में आधिकारिक रूप से हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है.
याचिका में कहा कि हॉकी को राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है, लेकिन अभी तक सरकार ने हॉकी को आधिकारिक रूप से सरकार राष्ट्रीय खेल नहीं घोषित किया है. हॉकी भारत का असली गौरव है जिसने अब अपनी लोकप्रियता खो दी है. सरकार की तरफ से हॉकी को सपोर्ट नहीं प्राप्त हुआ.
इसी के साथ याचिका में केंद्र सरकार खेल प्राधिकरण को ओलंपिक में खेले जाने वाले खेलों को स्कूल, कॉलेज स्तर पर प्रमोट करने की मांग की है. याचिका में ओलंपिक में खेले जाने वाले खेलों के लिए फंड, फैसिलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने की भी मांग की गई है.
भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं
भारत के राष्ट्रीय खेल को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन सरकार भी बता चुकी है कि भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नहीं. इसी साल मार्च में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक लॉ स्टूडेंट ने RTI के माध्यम से खेल मंत्रालय से जवाब मांगा था कि 'भारत सरकार ने किस खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता दी है? इस सवाल के जवाब में खेल मंत्रालय ने बताया कि भारत ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता नहीं दी है. जवाब में यह भी लिखा कि सभी खेलों को प्रोत्साहित करना देश का उद्देश्य है.
गोरखपुर निवासी लॉ स्टूडेंट शिवम कुमार गुप्ता के RTI का जवाब देते हुए खेल मंत्रालय ने एक लेटर जारी कर बताया कि भारत सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में घोषित नहीं किया है. क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय खेलों को प्रोत्साहित करना है. काफी साल पहले ऐश्वर्य पराशर ने भी आरटीआई के माध्यम से यही सवाल पूछा था, तब जवाब मिला था कि हॉकी सामान्य खेलों में एक राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है. हॉकी को प्राथमिकता दी गई है लेकिन यह राष्ट्रीय खेल नहीं है.