Apple News: सेब सीजन पर मौसम का संकट

Update: 2024-08-12 12:30 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश में जैसे-जैसे मौसम का मिजाज बदलने लगा है उससे आने वाले दिनों में सेब सीजन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस बार हिमाचल का सेब सीजन देरी से चला है और अभी मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के सेब का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि वो मार्केट में आता है, तो सेब सीजन उफान पर रहता है। मगर जिस तरह से मौसम बिगडऩे लगा है और अपने रौद्र रूप में आ रहा है, तो आने वाले दिनों में यह सेब सीजन को प्रभावित कर सकता है। इससे सेब की चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिकी को नुकसान हो सकता है। अभी तक सेब बहुल इलाकों में सडक़ें बाधित जरूर हो रही हैं, मगर उस तरह की नौबत नहीं है कि सेब सीजन ही रुक जाए। वैसे सेब बहुल इलाकों में सडक़ों को खुले रखने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं, मगर बरसात उफान पर होगी, तो ये सडक़ें बड़े पैमाने पर बाधित हो सकती हैं, जैसा इसका ट्रेक रिकार्ड रहा है। पिछले साल की बात करें, तो उस समय भी बरसात ने
हिमाचल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।


खासकर सेब बहुल इलाकों में सडक़ों का काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। इस कारण से सेब को मार्केट में पहुंचाने में खासी दिक्कतें हुईं। अभी तक की बात करें, तो शिमला जिला में सेब की सबसे अधिक पैदावार होती है। जिला में सेब बहुल इलाकों में करीब 50 से ज्यादा सडक़ें बंद हैं। यहां मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब अभी मार्केट में नहीं आया है। कोटखाई में 10 सडक़ें बंद पड़ी हैं, तो वहीं जुब्बल में 19 सडक़ें, रोहडू में 20 सडक़ें तथा रामपुर में 25 सडक़ें बंद पड़ी हैं। मंडी जिला की बात करें तो यहां पर भी कुछ एरिया में सेब होता है। यहां पर सिराज की 19 सडक़ें बंद हैं, वहीं कुल्लू जिला में बंजार में नौ और निरमंड में 28 सडक़ें बंद पड़ी हैं। आने वाले समय के लिए सरकार ने अपनी तरफ से पूरी तैयारियां कर रखी हैं, मगर बरसात के रौद्र रूप धारण करने से यकीनन सेब सीजन पर इसका पूरा असर दिखेगा। वहीं मौसम को देखते हुए बागबान भी डरे हुए हैं, क्योंकि भारी बारिश के चलते कई सडक़ें भी बंद हो जाती हैं। अब किस तरह का नुकसान होता है और भविष्य में क्या होगा, यह कहा नहीं जा सकता है, मगर अभी सेब सीजन सुचारू रूप से चल रहा है और सेब सीजन देरी से चल रहा है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है।
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