बंगाल में एंटी-रेप बिल: राज्यपाल को नहीं मिला टेक्निकल रिपोर्ट, मंजूरी अटकी

Update: 2024-09-06 02:27 GMT

बंगाल bengal news । पश्चिम बंगाल West Bengal विधानसभा में पिछले दिनों ममता सरकार ने एंटी-रेप बिल पारित किया लेकिन इसके कानून बनने का रास्ता आसान नहीं लग रहा है. यह विधेयक तब तक कानून नहीं बनेगा, जब तक इस पर राज्यपाल की सहमति नहीं होगी. बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बिल को लेकर ममता सरकार पर नाराजगी जताई है. इसके पीछे की वजह है कि राज्यपाल के पास विधेयक से जुड़ी टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. गुरुवार को ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए सीवी आनंद बोस ने कहा, "मेरे पास एंटी-रेप विधेयक के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी गई है, जो इसे मंजूरी देने के लिए जरूरी है." राज्यपाल ने दावा कि वे बहुत निराश हैं क्योंकि राज्य में विधेयकों के साथ तकनीकी रिपोर्ट न भेजना और फिर उन्हें मंजूरी न देने के लिए राज्यपाल कार्यालय को दोषी ठहराना एक नियमित प्रक्रिया बन गई है.

एजेंसी के मुताबिक, राजभवन के एक अधिकारी बताया, "राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक के साथ टेक्निकल रिपोर्ट अटैच करने में फेल रहने के लिए राज्य प्रशासन की आलोचना की है. नियम के मुताबिक, विधेयक को मंजूरी देने पर फैसला लेने से पहले राज्य सरकार के लिए टेक्निकल रिपोर्ट भेजना जरूरी है."

सीवी आनंद बोस ने कहा, "यह पहली बार नहीं है, जब सरकार ने टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी और विधेयक को मंजूरी न देने के लिए राजभवन को दोषी ठहराया है." राज्यपाल ने राज्य सरकार को इस तरह के अहम मामलों में होमवर्क न करने के लिए भी फटकार लगाई है. उन्होंने आगे कहा, "विधेयक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश द्वारा पारित इसी तरह के विधेयकों की नकल है." सूत्र के मुताबिक, राज्यपाल ने अपनी राय व्यक्त की है कि ममता बनर्जी केवल पश्चिम बंगाल के लोगों को धोखा देने के लिए धरने की धमकी दे रही हैं, क्योंकि वह भी अच्छी तरह से जानती हैं कि इसी तरह के विधेयक भारत के राष्ट्रपति के पास लंबित हैं.


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