ANTF ने डीएसपी वविंदर महाजन के ख़िलाफ़ दर्ज किया केस

Update: 2024-09-20 10:50 GMT
Chandigarh. चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) वविंदर कुमार महाजन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है, दरअसल एएनटीएफ़ की जांच में पता चला है कि डीएसपी कथित तौर पर भ्रष्ट आचरण में लिप्त होकर ड्रग सप्लायरों का समर्थन कर रहा था। बता दें की मई 2024 में बद्दी स्थित स्माइलैक्स फार्मा कंपनी में एक संयुक्त निरीक्षण के दौरान एएनटीएफ टीम ने एनडीपीएस अधिनियम के कथित उल्लंघन का मामला पकडा था। इसी छापामारी के बाद से डीएसपी महाजन खासे चर्चा में थे। एएनटीएफ़ ने जब इस मामले में भ्रष्टाचार की सूचना के बाद प्रारंभिक जांच की तो पाया की डीएसपी महाजन ने मेसर्स एस्टर फार्मा को कानूनी शिकंजे से बचाने के लिए 45 लाख की रिश्वत ली थी। पुलिस महानिदेशक पंजाब गौरव यादव ने गुरुवार को इस संबंध में खुलासा करते हुए बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 8 , एनडीपीएस अधिनियम की धारा 59 (2) के तहत एक
प्राथमिकी दर्ज की गई है।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एएनटीएफ ने फरवरी 2024 में दर्ज 1.98 करोड़ अल्प्राजोलम टैबलेट और 40 किलोग्राम कच्चे अल्प्राजोलम की जब्ती से संबंधित एक मामले की हालिया जांच के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है, जिसमें पता चला है कि डीएसपी वविंदर कुमार महाजन,जो डीएसपी एएनटीएफ के पद पर तैनात थे और उनके साथी अखिल जय सिंह (लखनऊ ) एक चौंकाने वाली रिश्वतखोरी योजना में शामिल थे। वर्तमान में डीएसपी महाजन 9वीं बटालियन पीएपी अमृतसर में तैनात हैं। डीजीपी ने कहा कि मई 2024 में बद्दी स्थित मेसर्स स्माइलैक्स फार्माकेम ड्रग इंडस्ट्रीज में एक संयुक्त निरीक्षण के दौरान एएनटीएफ टीम ने एनडीपीएस अधिनियम के गंभीर उल्लंघन का मामला पकड़ा। उन्होंने कहा, “इस मामले की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डीएसपी महाजन ने कानूनी परिणामों से बचाने के लिए मेसर्स एस्टर फार्मा से 45 लाख की रिश्वत ली थी।
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