बिहार। बाहुबली आनंद मोहन को जेल से रिहा किया गया. बता दें कि गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को 2007 में फांसी की सजा हुई थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया। आनंद मोहन तब से जेल में बंद रहे। सरकारी सेवक की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने की वजह से अब तक उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। पिछले दिनों नीतीश सरकार ने कारा नियमों में बदलाव किया और आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया। इसके बाद सरकार की ओर से पूर्व सांसद समेत 27 कैदियों की रिहाई की अधिसूचना जारी की गई।
शिवहर से सांसद रहे आनंद मोहन की रिहाई का विरोध शुरू हो गया। जी कृष्णैया की पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने नीतीश सरकार के इस फैसले को उनके साथ नाइंसाफी करार दिया है। इसी तरह, आईएएस एसोसिएशन ने भी इसका विरोध किया है। लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताते हुए मुख्यमत्री नीतीश कुमार से इसपर पुनर्विचार करने की मांग की है। बीजेपी में इसे लेकर कन्फ्यूजन है। कुछ नेता आनंद मोहन की रिहाई को गलत बता रहे हैं, तो बाकी इसका समर्थन कर रहे हैं।