Himachal में उड़ीसा कीे तर्ज पर चलेगा अम्रुत प्रोजेक्ट

Update: 2024-07-31 10:41 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल में अब अम्रुत प्रोजेक्ट उड़ीसा की तर्ज पर चलेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के नौ जिलों में 24 घंटे सात दिन स्वच्छ पानी देने की योजना को सिरे चढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार का आवास और शहरी विकास मामलों के मंत्रालय इस योजना के लिए बजट का प्रावधान कर रहा है। हिमाचल के नौ जिलों में प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। हिमाचल में अम्रुत मिशन के तहत 17 प्रोजेक्ट लांच किए गए हैं और इन पर 258 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में हिमाचल के तीन जिलों को शामिल नहीं किया गया है। लाहुल-स्पीति और किन्नौर कम आबादी होने की वजह से प्रोजेक्ट में शामिल होने से छूट गए हैं, जबकि बिलासपुर जिला तय मापदंड पूरे न कर पाने की वजह से इस योजना का हिस्सा नहीं है। उड़ीसा की तर्ज पर हिमाचल में इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। दरअसल, उड़ीसा के पुरी में करीब पांच साल पहले इस प्रोजेक्ट के तहत सप्ताह भर 24 घंटे पानी देने का प्रोजेक्ट लांच किया गया था और अब इस प्रोजेक्ट को
सफलतापूर्वक स्थापित भी कर लिया गया है।

उड़ीसा में हुए कामकाज को अम्रुत मिशन के तहत हिमाचल में दोहराने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यहां पहाड़ी राज्य होने की वजह से मुश्किलें पेश आ रही हैं। जलशक्ति विभाग के मुख्य अभियंता जोगेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि देश भर में जो योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, उनके लिए अधिकतम बजट सीमा 50 करोड़ निर्धारित की गई है, लेकिन प्रदेश में उठाऊ पेयजल योजनाओं के माध्यम से पानी पहुंचाना पड़ रहा है और इसके लिए लंबी पेयजल योजनाओं की जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि उड़ीसा का प्रोजेक्ट हू-ब-हू हिमाचल में लांच नहीं किया जा सकता है। यहां की परिस्थितियां उड़ीसा से अलग हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू चंडीगढ़ में शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात के दौरान इस बात का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने प्रदेश में बजट बढ़ाने और अन्य शहरों में भी इस योजना को लांच करने का आह्वान किया है। अम्रुत मिशन के नोडल अधिकारी राकेश पराशर ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य नल से स्वच्छ जल का है। प्रदेश में 17 शहर इस योजना के दायरे में आ रहे हैं, जबकि अभी भी 43 शहर योजना से बाहर हैं। अम्रुत मिशन को लेकर आयोजित कार्यशाला में शहरी विकास विभाग के निदेशक गोपाल चंद, जलशक्ति विभाग से मुख्य अभियंता जोगिंदर सिंह चौहान, एसजेपीएनएल के जीएम राजेश कश्यप, हेमंत तंवर मौजूद थे।
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