राजौरी: होम मिनिस्टर अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी समुदाय के लोगों के लिए एसटी आरक्षण दिए जाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जस्टिस शर्मा कमिशन की सिफारिशों पर काम किए जाने का आदेश दिया है और प्रक्रिया पूरी होते ही पहाड़ी समुदाय के लोगों को आरक्षण मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय के लोगों को यह आरक्षण मिलना है। होम मिनिस्टर ने कहा कि आर्टिकल 370 हटने के बाद यह संभव हुआ है। अमित शाह का आरक्षण से जुड़ा ऐलान अहम माना जा रहा है और आने वाले चुनावों में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है।
रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों की ही सत्ता थी। वे कहते थे कि आर्टिकल 370 हटा तो खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। आज यहां मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं। ये नारे ऐसी तमाम आशंकाओं को जवाब हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद से बीते तीन सालों में आतंकवाद की 721 घटनाएं हुई हैं। इससे पहले के तीन सालों में आतंकवादी हमलों की संख्या 4 हजार से ज्यादा थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम चलाई थी, यह उसका परिणाम है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आप पहले आए दिन पथराव की खबरें पढ़ते थें, लेकिन अब मोदी जी ने अब युवाओं के हाथों से पत्थर लेकर लैपटॉप थमाने का काम किया है। उन्हें नौकरी दी है। यह बदलाव जम्मू-कश्मीर के लिए अहम है। राजौरी में आपने क्या कभी मेडिकल कॉलेज की कल्पना भी की थी? लेकिन मोदी जी ने इसकी व्यवस्था की। इससे युवा डॉक्टर बन सकेंगे और पहाड़ी समुदाय के लोगों को मुफ्त में इलाज की सुविधा भी हो सकेगी। अब यहां के लोगों को इलाज के लिए जम्मू नहीं जाना होगा। अमित शाह ने कहा कि राज्य के 27 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये का हेल्थ बीमा सरकार की ओर से दिया गया है।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को लेकर अमित शाह ने कहा कि पहले तीन परिवारों के लिए परिसीमन सत्ता अपने पास रखने का उपाय था। अब जो परिसीमन हुआ है, उसमें सीटों का सही बंटवारा हुआ है। पहाड़ी इलाकों के लिए सीटों में इजाफा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू में आईआईटी और आईआईएम संस्थानों की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पर्यटन में भी तेजी से इजाफा हुआ है। इस साल अब तक 1.62 करोड़ लोग इस राज्य में घूमने आ चुके है। अमित शाह ने कहा कि तीन सालों में 56 हजार करोड़ का निवेश जम्मू और कश्मीर में हुआ है। इससे पहले 70 सालों में महज 15 हजार करोड़ा का ही इन्वेस्टमेंट हुआ था।