जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल और खुफिया तंत्र का कमाल, इतिहास में पहली बार 100 से कम बचे लोकल आतंकी
श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पहली बार स्थानीय आतंकियों की संख्या 100 से नीचे पहुंची है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है जब घाटी में स्थानीय आतंकवादियों का आंकड़ा 100 से कम है और विदेशी आतंकी भी घटे हैं। ये जानकारी कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने दी। गुरुवार को उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल पहली बार 200 के आकंड़े को तोड़ने में कामयाब रहे हैं।
85-86 ही बचे लोकल आतंकी
कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कहा, "हम कश्मीर में 200 आतंकवादियों के निशान को तोड़ने में सक्षम रहे हैं, क्योंकि यह आंकड़ा घटकर 180 पर आ गया है। इतिहास में पहली बार, स्थानीय आतंकवादी 100 से कम हो गए हैं। कल की मुठभेड़ के बाद गिनती 85-86 है। इसलिए हम कह सकते हैं कि आतंकवाद कम हो रहा है।"
विजय कुमार ने बताया कि दिसंबर में 24 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें से 5 पाकिस्तानी हैं। उन्होंने कहा, "हमने 2 यूएस-निर्मित M4 कार्बाइन राइफल, 15 AK47, 24 से अधिक पिस्तौल, ग्रेनेड, IED बरामद किए हैं। यह पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद की आतंकवादी संलिप्तता को साबित करता है। सुरक्षा बल और खुफिया तंत्र अलर्ट पर है।"
उन्होंने बताया, "इस साल 128 स्थानीय आतंकवादी शामिल हुए थे, जिनमें से 73 मुठभेड़ों में मारे गए और 16 गिरफ्तार किए गए। अभी 39 ही सक्रिय हैं। पिछले 2 वर्षों की तुलना में संख्या में काफी कमी आई है।"
24 घंटे में 6 आतंकी ढेर
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर में रात भर के दो ऑपरेशनों में छह आतंकवादियों को ढेर कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त टीमों ने कुलगाम के मिरहमा और पड़ोसी अनंतनाग जिले के दोरू में अभियान चलाया था। पुलिस ने बताया कि छह में दो विदेशी आतंकी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब तक दो स्थानीय आतंकवादियों की भी पहचान कर ली गई है। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने आतंकियों के खात्मे को सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा, "दो स्थानीय आतंकवादी और प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया गया। तलाश अभी जारी है।"