गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है अमर सिंह शाक्य, 23 साल से रख रहे रोजा

Update: 2022-04-13 08:17 GMT

इटावा: इटावा के रहने वाले अमर सिंह शाक्य हिंदू-मुस्लिम एकता की एक जीती जागती मिसाल बन कर सामने आए हैं. दरअसल, अमर सिंह हिंदू हैं और काछी समाज से ताल्लुक रखते हैं लेकिन बावजूद इसके वह पिछले 22 सालों से पाक रमजान के महीने में पूरे 30 दिन रोजे रखते हैं. अमर सिंह शिवा कॉलोनी अड्डा जालिम में रहते हैं.

इनके घर में एक बाबू काले खां की मजार है. पवित्र रमजान के महीने में पूरे 30 दिन रोजे रखने के साथ-साथ अमर सिंह नवरात्रि का भी व्रत रखते हैं. शिवरात्रि और जन्माष्टमी भी मनाते हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बने अमर सिंह के घर में एक बेटा, एक बेटी, पत्नी और बहू है. परिवार के सभी सदस्य अमर सिंह शाक्य को इस तरह की पूजा पाठ में मदद करते हैं.
इस तरह के सर्व धर्म प्रेम के बारे में जब अमर सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पुश्तैनी गांव छिबरामऊ (कन्नौज) में एक मजार थी जिसे फूटी मजार के नाम से जाना जाता था. उनके पिता उस मजार पर माथा टेकते थे और पूजा करते थे. जब अमर सिंह की नौकरी इटावा के सूतमील में लगी तो वह यहां पर रहने लगे.
लेकिन यहां आते ही अमर सिंह अस्वस्थ रहने लगे और उनको सपने में वह मजार दिखाई देती थी. इसलिए उन्होंनेअपने घर में मजार की स्थापना कराई और वह इबादत करने लगे.
इसके साथ ही अमर सिंह समाज सेवा भी करते हैं. वह नवरात्रि और ईद में भंडारों का आयोजन करवाते हैं. अमर सिंह ने बताया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. समाजसेवी होने की वजह से वह एक वृद्धाश्रम भी बनवा रहे हैं. जहां हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्मों से जुड़ी धार्मिक तस्वीरों और मूर्तियों को लगाया जाएगा.

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