अमर जवान ज्योति का हुआ विलय, अब नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही बलिदान की लौ, सरकार के फैसले के बाद विवाद शुरू
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नई दिल्ली: इंडिया गेट पर अब अमर जवान ज्योति नहीं दिखेगी. इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया. एयर मार्शल बालभद्र राधाकृष्ण की अध्यक्षता में यह समारोह हुआ. पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया गया. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अभी तक के युद्ध और सभी सैन्य ऑपरेशन्स में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित हैं.
वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने सवाल उठाया. कांग्रेस ने अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने के फैसले को शहीदों का अपमान बताया. उधर, सरकार का कहना है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही, इसका सिर्फ विलय किया जा रहा है.
1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था. इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था. इस युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय किया जाएगा.
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति की लौ को विलय करने के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते, कोई बात नहीं. हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने और सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले आज देशप्रेम और बलिदान की बातें कर रहे हैं. देश के सैन्य मनोबल को कमजोर करते हुए राजनीति चमकाने की हड़बड़ी में कांग्रेस के युवराज से हमेशा गड़बड़ी हो ही जाती है.
उधर, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, मैंने राहुल गांधी को गंभीरता से लेना काफी पहले बंद कर दिया है. जो उन्होंने 70 साल नहीं बनाया वो हमने बनाया, अब वॉर मेमोरियल बन गया है. वो जो कह रहे हैं, कहने दो. हम अमर जवान ज्योति बुझा नहीं रहे, बल्कि इसका विलय कर रहे हैं.
कांग्रेस और विपक्ष के आरोपों पर सरकार के सूत्रों ने बताया कि अमर जवान ज्योति को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही है. इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ के साथ मर्ज (विलय) किया जाएगा.
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यह देखना अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई नाम वहां मौजूद नहीं है. इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल उन शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी. ऐसे में यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक हैं.
1971 समेत भारत के सभी युद्धों में शहीद जवानों के नामों को नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया है. यह हमारे शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. सरकार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थाई और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं.
अमर जवान ज्योति को लेकर जारी विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नेताजी की ग्रेनाइट से बनी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी. यह उनके प्रति भारत की कृतज्ञता का प्रतीक होगा.