एचपीयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली का आरोप

Update: 2024-04-03 11:06 GMT
शिमला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए सुझावों के साथ-साथ आम छात्रों की आवाज उठाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। इसी बारे में आज विद्यार्थी परिषद ने वाणिज्य विभाग में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में हुई धांधली के विरोध में विभागाध्यक्ष का घेराव किया। विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने चहेतों को भरने की आढ़ में पिछले लंबे समय से धांधलियां होती है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हमेशा से ही अवैध प्रवेश प्रक्रिया के मामलों में संलिप्त पाया जाता रहा है। इकाई अध्यक्ष गौरव ने कहा कि लंबे समय से देखने को मिल रहा है कि विश्वविद्यालय में (एमबीए आरडी) की पीएचडी में अवैध प्रवेश और वर्तमान समय में देखे तो वाणिज्य विभाग में अवैध प्रवेश के लिए प्रशासन के निरंतर प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की सीट को जनरल सीट में बदलने का काम किया गया है। प्रशासन यह सब कुछ किसी के दबाव में आकर ऐसा कर रहा है तो परिषद ने विभागाध्यक्ष से अपने पद से त्याग पत्र देने की मांग रखी। अपनी बात रखते हुए गौरव ने बताया कि एसटी की सीट को जनरल में बदलने का प्रावधान न तो यूनिवर्सिटी के ऑर्डिनेस में है और न ही यूजीसी की गाइडलाइन को मानते हुए प्रवेश प्रक्रिया करवाई। विभाग के ऐसे कामों की निंदा करते हुए कहा कि यदि आने वाले समय में विभाग इस प्रवेश को कैंसल नहीं करता तो अभाविप आने वाले समय में उग्र से उग्र आंदोलन करने में किसी प्रकार का गुरेज नहीं करेगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन से मांग की है कि वाणिज्य विभाग में अवैध तरीके से प्रवेश की प्रक्रिया को रोकने के लिए शीघ्र से अम्ल में लाई जाए तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी किया जाए।
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