विश्वविद्यालय के सभी कोर्स दिखाएगे रोजगार की राह, यूजीसी ने नया क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क का ड्राफ्ट किया तैयार

हर पढ़े लिखे और युवा को रोजगार मुहैया कराने की राह थोड़ी आसान हो सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अब उच्च शिक्षा से जुड़े सभी कोर्सों को कुछ ऐसा डिजाइन कर रहा है

Update: 2022-02-05 17:24 GMT

नई दिल्ली। हर पढ़े लिखे और युवा को रोजगार मुहैया कराने की राह थोड़ी आसान हो सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अब उच्च शिक्षा से जुड़े सभी कोर्सों को कुछ ऐसा डिजाइन कर रहा है जिसमें डिग्री के साथ साथ कौशल का भी प्रशिक्षण मिलेगा। यह प्रशिक्षण उसी कोर्स या क्षेत्र से संबंधित होगा जिसमें युवा पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें डिग्री, डिप्लोमा व सर्टीफिकेट जैसे सभी स्तर के कोर्स शामिल है।

माना जा रहा है कि नए शैक्षणिक सत्र यानी वर्ष 2022-23 से इन मानकों के अनुरूप स्नातक से लेकर पोस्टग्रेजुएट स्तर के सभी कोर्सों की पढ़ाई शुरु कर दी जाएगी। यूजीसी ने इस बीच नेशनल हायर एजुकेशन क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) में बदलाव से जुड़ा एक ड्राफ्ट तैयार किया है। प्रत्येक कोर्स के नए मानक भी तय किए गए है।
फिलहाल इस ड्राफ्ट पर यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से 13 फरवरी तक सुझाव मांगे है। कोर्सों में बदलाव और उसे 21 वीं सदी की जरूरत को देखते हुए रोजगारपरक बनाने की सिफारिश नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई थी। जिसे अब अमल में लाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि इन कोर्सों से पढ़कर निकलने वाले छात्रों इस तरह से तैयार किया जाएगा, कि उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद संबंधित क्षेत्र में जाने का विकल्प मौजूद रहे। जिन अहम बदलावों को ड्राफ्ट में शामिल किया है, उनमें सभी कोर्सों को एक क्रेडिट से लिंक किया गया है।
इसमें अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स का क्रेडिट स्कोर 40 होगा जबकि अंडर ग्रेजुएट डिग्री कोर्स का क्रेडिट स्कोर 80 होगा। वहीं बैचलर डिग्री कोर्स का क्रेडिट स्कोर 120 होगा। इस क्रेडिट स्कोर से छात्रों को बीच में कभी भी पढ़ाई छोड़ने और फिर से शुरु करने का मौका मिलेगा क्योंकि इससे इस व्यवस्था में क्रेडिट स्कोर एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में जमा रहेंगे।
इसके साथ ही जिन छात्रों की शुरुआत से ही शोध के क्षेत्र में रुचि है, उनके लिए चार सालों का बैचलर डिग्री (रिसर्च) नाम से अलग कोर्स होगा। इसके बाद वह सीधे पीएचडी में दाखिल ले सकेंगे। हालांकि इसके लिए सामान्य बैचलर डिग्री कोर्स के तीसरे वर्ष मे कम से कम सात सीजीपीए (क्यूमेलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) लाना जरूरी होगा।
हालांकि इन सभी कोर्सों में उस क्षेत्र से जुड़ी जरूरत के मुताबिक कौशल प्रशिक्षण भी मिलेगा। जो प्रत्येक सेमेस्टर में न्यूनतम 15 घंटे का होगा। इसके साथ ही प्रत्येक सेमेस्टर में कम से कम 30 घंटे की इंटर्नशिप या फिर सोशल एक्टीविटी जैसे गतिविधियां शामिल होगी।
यूजीसी ने उच्च शिक्षा के प्रस्तावित इस नए ड्राफ्ट में उच्च शिक्षा के कोर्सों को स्किल व व्यवसायिक शिक्षा के साथ जोड़ दिया है। अभी भी सामान्य स्नातक कोर्सों में इस तरह का प्रशिक्षण या इंटर्नशिप नहीं शामिल है।
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