नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर एके 630 सीआईडब्ल्यूएस गन (AK 630 CIWS Gun) तैनात कर दी गई है. यह जानकारी नहीं मिली है कि कितनी गन लगाई गई हैं लेकिन इसके लगने से युद्धपोत की सुरक्षा बढ़ गई है. हालांकि पहले ही यह जानकारी मिल रही थी कि विक्रांत पर चार ऐसी गन्स लगाई जाएंगी.
एके 630 सीआईडब्ल्यूएस गन (AK 630 CIWS Gun) एक क्लोज़-इन वेपन सिस्टम है. यह एक खास तरह की रोटरी यानी घूमने वाली तोप होती है. जो दुश्मन के टारगेट की दिशा में घूमते हुए उसपर गोलियां बरसाती है. यह हमला इतना ताबड़तोड़ होता है कि इसकी गोलियों से बचना मुश्किल है. इस तोप का वजन करीब 1800 किलोग्राम होता है. यह ऑटोमैटिक होती है. इसकी बैरल यानी नली 57 से 64 इंच हो सकती है.
इसे चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की जरुरत होती है. यह चारों दिशाओं में किसी भी एंगल पर घूम कर दुश्मन टारगेट पर हमला कर सकती है. इसकी फायरिंग रेंज 4000 राउंड्स प्रति मिनट से लेकर 10 हजार राउंड्स प्रति मिनट है. रेंज 4000 से 5000 मीटर यानी चार से पांच किलोमीटर होती है. टारगेट जैसे ही इसकी रेंज में आता है ये खुद ही फायरिंग शुरू कर देता है. इसकी गोलियों के लिए इसमें बेल्ट लगाई जाती है. ये बेल्ट 1000 राउंड से लेकर 4000 राउंड तक होती है.
भारत सरकार ने इसके लिए स्वदेशी गोलियों का निर्माण किया है. ये गोलियां 30 मिलिमीटर की होती है. इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड के सीएमडी सत्यनारायण नुवाल ने बताया कि हमने भारतीय नौसेना को इन गोलियों की पहली खेप भेज दी है. इन गोलियों को लेकर नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडिमिरल एसएन घोरमडे ने कहा कि देश में बनी गोलियों से विदेशी गोलियां मंगाने का खर्च बचेगा. यह भारत के निजी रक्षा कंपनियों के लिए बड़ी अचीवमेंट है.