देश के हर कोने में कोरोना वैक्सीन पहुंचाने एयरपोर्ट तैयार, वीडियो देखकर बढ़ेगी बेसब्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को हुए सर्वदलीय बैठक में कहा था कि भारत को अगले ही कुछ हफ्तों में वैक्सीन मिल सकती है, देश के वैज्ञानिक बड़ी सफलता के करीब हैं. इसके बाद देश में कोरोना वैक्सीन के लिए काफी बेसब्री बढ़ गयी है. पीएम के इस बयान के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि भारत में 2021 के शुरूआती महीनों में वैक्सीन आ जाएगी. दुनिया का दूसरे सबसे बड़ी आबादी में को वैक्सीन पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर भारत के लिए अच्छी खबर है. देश में नई दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए गए हैं. इसके अलावा कई अन्य एयरपोर्ट पर भी वैक्सीन (Vaccine) स्टॉक करने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं.
जान लें कि रूस (Russia) की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) की खेप देश में पहुंच चुकी है. स्पुतनिक वी (Sputnik-V) के ट्रांसपोर्टेशन में तापमान का खास ख्याल रखना जरूरी है इसीलिए वैक्सीन को मॉस्को से दिल्ली लाने के बीच कोल्ड चेन को टूटने नहीं दिया गया. इस बीच कोरोना वैक्सीन को कैसे दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया ये जानिए.
मॉस्को में नीले रंग के कंटेनर में वैक्सीन (Vaccine) को रखकर भारत ट्रांसपोर्ट किया गया. सबसे पहले इस नीले कंटेनर को एक दूसरे बड़े कंटेनर में रखा गया. ये बड़ा कंटेनर एक तरह का फ्रिज है जिसको खासतौर से वैक्सीन ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार किया गया है. वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट में 2 से 8 डिग्री का तापमान बनाए रखने के लिए इस कंटेनर को तैयार किया गया है. वैक्सीन को कंटेनर में रखने के बाद इसे पूरी तरह से लॉक कर दिया गया.
एयरपोर्ट पर सामान उठाने वाली गाड़ियों की मदद से इस कंटेनर को हवाई जहाज के कार्गो एरिया तक पहुंचाया गया. इस दौरान ये ध्यान दिया गया कि इसके रास्ते में कोई अड़चन ना आए. कार्गो एरिया में पहुंचने पर वैक्सीन कंटेनर को हाइड्रोलिक लिफ्ट की मदद से हवाई जहाज के अंदर पहुंचाया गया, जहां कंटेनर को लाल रंग का लॉक लगाकर हिल डुलने से रोका गया.
इसके बाद मॉस्को से स्पुतनिक वी वैक्सीन का कंटेनर लेकर हवाई जहाज टेक ऑफ कर गया और नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा. यहां भी वैक्सीन अनलोडिंग के लिए पूरी तैयारी थी. वैक्सीन कंटेनर को खास हाइड्रोलिक की मदद से जहाज से नीचे उतारा गया और फिर सुरक्षित तरीके से नई दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर लाया गया.
एयरपोर्ट पर बड़े कंटेनर से वैक्सीन वाले नीले कंटेनर को निकाल लिया गया. फिर इस नीले कंटेनर को प्रयोगशाला तक ले जाने के लिए रेफ्रिजरेटर वाला खास ट्रक मंगाया गया. कंटेनर को पूरी सुरक्षा के साथ उसमें रखकर रवाना किया गया.
इस कंटेनर की निगरानी और अनलोडिंग के लिए भारत में डॉ. रेड्डी प्रयोगशाला के लोग मौजूद रहे. ट्रक को फरीदाबाद के JSS Medical Research India Pvt. Ltd. लाया गया और यहां उसे ट्रक से निकाला गया.
रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी को 92 प्रतिशत तक असरदार बताया जा रहा है और इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन 2 साल तक इम्यूनिटी देती है.