कोरोना की तीसरी लहर पर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का बड़ा बयान, अफवाह में ना आए, पढ़े ये खबर

Update: 2021-06-08 14:37 GMT

नई दिल्ली। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की अगली लहर रोकने का सबसे सही तरीका टीकाकरण है. गुलेरिया ने कहा कि अगली लहर रोकनी है तो सभी को सावधानी बरतनी होगी. कम से कम तब तक जब तक कि ज्यादातर आबादी को वैक्सीन नहीं लग जाती. एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की अगली लहर को रोकना हम सबके हाथ में है. उन्होंने कहा कि अगर सभी सावधानी बरतें तो कोरोना की अगली लहर नहीं भी आ सकती है और अगर आई भी तो उसका असर कम होगा.

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जब भी महामारी होती है तो लहर आती है. स्पैनिश फ्लू और स्वाइन फ्लू में भी यही दिखा. उन्होंने कहा कि कई लहर आती हैं और फिर सीजनल इंफेक्शन होते हैं. लहर खत्म होकर सीजनल इंफेक्शन इसलिए हो जाता है क्योंकि तब तक ज्यादा आबादी में या तो वैक्सीन के जरिए या फिर संक्रमण होने के बाद इम्युनिटी आ जाती है. गुलेरिया ने संक्रमण की लहर के बारे में बताया कि वायरस के म्यूटेशन और इंसानों के व्यवहार की वजह से लहर आती है. उन्होंने कहा कि जब भी केस बढ़ते हैं तो लोग सावधानी बरतते हैं और फिर जब केस कम होने लगते हैं तो फिर से भीड़-भाड़ में जाते हैं. इससे फिर वायरस फैलना शुरू होता है और नई लहर बनती है. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि नई लहर रोकनी है तो सबको सावधानी बरतनी होगी. कम से कम तब तक जब तक ज्यादातर आबादी को वैक्सीन नहीं लग जाती.

गुलेरिया ने बच्चों पर संक्रमण के असर के बारे में बताया कि वैश्विक या राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई डाटा नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि संक्रमण बच्चों के लिए ज्यादा जानलेवा साबित होगा. गुलेरिया ने कहा कि दूसरी लहर में भी जिन बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आए उनमें बीमारी के हल्के लक्षण और अन्य बीमारियां देखने को मिलीं. गुलेरिया ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भविष्य में बच्चों में गंभीर संक्रमण के मामले देखने को मिलेंगे. बता दें पिछले कुछ समय से ऐसा कहा जा रहा था कि कोरोना की तीसरी लहर का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर देखने को मिलेगा.

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