आगरा: अलीगढ़ और मथुरा की तरह आगरा में भी बड़े बवाल की साजिश रची गई थी। साजिशकर्ताओं की मंशा बस और ट्रेन में आगजनी की थी। पुलिस की सख्ती से साजिशकर्ताओं के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए। मलपुरा थाने से जेल भेजे गए आरोपियों में से एक के मोबाइल की जांच में यह खुलासा हुआ है। इंकलाब जिंदाबाद नाम से बनाए व्हाट्स ग्रुप में आगजनी के लिए भड़काने वाले मैसेज वायरल किए गए थे।
व्हाट्सएप ग्रुप में 300 युवाओं को जोड़ा गया। ग्रुप में मैसेज वायरल किए गए। जिसमें लिखा गया कि बात ऊपर तक पहुंचाने के लिए बसों और ट्रेनों को निशाना बनाया जाए। आगजनी की साजिश थी। मलपुरा थाने से जेल भेजे गए एक आरोपित के मोबाइल की जांच में यह जानकारी मिली है। पुलिस ग्रुप के सक्रिय सदस्यों की तलाश कर रही।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मलपुरा क्षेत्र में ग्वालियर हाईवे पर शुक्रवार को कुछ युवाओं ने जाम लगाकर हंगामा किया। कुछ अराजक तत्वों ने एसओ की गाड़ी पर पथराव कर तोड़फोड़ की थी। मुकदमा लिखा गया। आठ आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल खंगाले। एक आरोपित के मोबाइल में एक वाट्सएप ग्रुप मिला। 300 लोग जुड़े थे। ग्रुप में मैसेज डाले गए थे कि अग्निपथ के विरोध में ट्रेन को जला दो। बसों में आग लगा दो। ऐसा करने पर ही सरकार झुकेगी। अपना फैसला बदलेगी।
अग्निपथ योजना के विरोध के चलते रविवार को भी आगरा में ट्रेन और रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ मुस्तैद रही। जीआरपी के साथ मिलकर आरपीएफ ने सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर फुट पेट्रोलिंग की। आउटर पर और सर्कुलेटिंग एरिया में भी पुलिस की सतर्कता नजर आई। दूसरी तरफ रविवार को भी कोटा-पटना एक्सप्रेस के निरस्त होने यात्रियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। आरपीएफ के उप महानिरीक्षक सौरभ त्रिवेदी के नेतृत्व में आगरा कैंट, आगरा फोर्ट जैसे बड़े स्टेशनों के साथ देहात क्षेत्र में पड़ने वाले छोटे स्टेशनों पर भी आरपीएफ, जीआरपी और रेलवे विशेष सुरक्षा बल के जवान लगातार स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा में जुटे नजर आए।
रेलवे ने आंदोलन के चलते रविवार को लगातार दूसरे दिन भी कोटा-पटना एक्सप्रेस को निरस्त कर दिया। शनिवार को भी यह ट्रेन निरस्त रही थी। ट्रेन के निरस्त होने से कानपुर, लखनऊ, पटना जाने वाले हजारों यात्रियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए अन्य ट्रेनों में रिजर्वेशन कराने को मजबूर होना पड़ा। रविवार को रेलवे ने सोमवार को हजरत निजामुद्दीन-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस को निरस्त करने की घोषणा भी की। आंदोलन के चलते व अन्य कारणों से ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों पर भारी पड़ रही है। बीते कुछ दिनों से आगरा कैंट, आगरा फोर्ट से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेन एक से दो घंटा देरी से चल रही हैं।
ग्रुप में जो लोग पोस्ट डाल रहे थे वे अब पुलिस के निशाने पर हैं। जेल भेजे जाएंगे। पुलिस उनके बारे में पता लगा रही है। कोचिंग बंद कराने का भी असर हुआ है। कोचिंग संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध है। एसएसपी ने बताय कि ग्रुप जयपुर के एक युवक ने बनाया था। ग्रुप में 25 से अधिक युवकों को एडमिन बनाया गया। ताकि ग्रुप में जल्द से जल्द सेना भर्ती की तैयारी करने वालों को जोड़ा जाए। एक ही दिन में 300 युवाओं को ग्रुप से जोड़ा गया। 15 से 20 लोग ही ग्रुप में मैसेज डाला करते थे। शेष सिर्फ उन्हें पढ़ रहे थे। ग्रुप बनाने वाले पर शिकंजा कसा जाएगा।