IB की सूचना के बाद पुलिस ने की कार्रवाई, पाकिस्तान और ISI से जुड़ी बातें आईं सामने

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Update: 2022-07-16 13:59 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक

पटना: थानेदारबिहार की राजधानी पटना में नए टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद रोजाना नई-नई बातें सामने आ रही हैं. इससे जुड़े संगठन फुलवारी शरीफ और दानापुर के आसपास मुस्लिम समुदाय के लोगों को भड़का कर दंगा और माहौल खराब करने में जुटे थे. उनसे मैसेज और वीडियो के जरिए कहा जा रहा था कि 'असली मुसलमान' बन जाओ. ऐसी भड़काऊ बातें को लिखकर एक पम्पलेट छपवाया गया था, जिसे वॉट्एसप और दूसरे सोशल नेटवर्क के जरिए फुलवारी शरीफ में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को भेजा जा रहा था. बताया जा रहा है कि यह सब कुछ मई के महीने से ही चल रहा था.

इस बात का खुलासा तब हुआ, जब पिछले महीने 10 जून को थानेदार इकरार अहमद के सरकारी मोबाइल नंबर के वॉट्सएप पर एक पम्पलेट आया. उसमें भी भड़काऊ बातें लिखी थीं.इसमें कुछ ऐसा लिखा था जिसे पढ़कर थानेदार इकरार अहमद भी चौंक गए. मैसेज में लिखा था, 'शर्म करो डूब मरो...फुलवारी शरीफ के लोगों असली मुसलमान कब बनोगे. सारी दुनिया के मुसलमान आवाज उठा रहे हैं. तुम कब उठाओगे'. ऐसी बातें लिखकर भड़काने की कोशिश की गई.
मैसेज के बाद लोगों को एक जगह जमा होने की अपील की गई थी. उसमें लिखा था, 'अपने रब को बाद नमाज ए जुमा 10.06.22 को जामा मस्जिद नया टोला पहुंचें और इश्के रसूल का सबूत दें.' खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पटना के साथ देश के अन्य शहरों में दंगा फैलाने की साजिश रची गई थी. इस मैसेज के सामने आने के बाद 11 जून को फुलवारी शरीफ के थानेदार इकरार अहमद के लिखित बयान पर IPC की धारा 153A, 295, 295A, 120B और 34 के तहत FIR दर्ज हुई थी, जिसमें साफ तौर पर थानेदार ने लिखा कि पम्पलेट वायरल करके दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने, माहौल खराब करने और सांप्रदायिक दंगा कराने की तैयारी थी.
राजधानी से सटे इलाके में ऐसी साजिश का खेल चल रहा था, इसकी भनक स्पेशल पुलिस टीम को लग चुकी थी. इसके पीछे कौन था, इसकी जांच पटना पुलिस कर रही थी, लेकिन जांच में कुछ भी सामने नहीं आया. इसके बाद इसकी जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार को सौंपी गई थी. केस अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था. ये अज्ञात लोग कौन हैं, जो माहौल को खराब करने में लगे थे. थानेदार इकरार अहमद ने बताया कि इस केस में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
सूत्रों के मुताबिक, IB ने बिहार एटीएस को एक संदिग्ध शख्स अहमद दानिश का नाम-पता और मोबाइल नंबर दिया था. इसमें बताया गया था कि ये शख्स सोशल मीडिया पर द्वेषपूर्ण पोस्ट को लाइक और शेयर करता है. इसके बाद युवक की काउंसलिंग की गई. एटीएस ने मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि अहमद दानिश मुनीर कॉलोनी, कब्रिस्तान के पास फुलवारीशरीफ पटना का निवासी है. जानकारी मिली कि दानिश ने मदरसे से पढ़ाई की है.
मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के सोशल मीडिया गतिविधि की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि ये एक वॉट्स एप ग्रुप गजवा-ए-हिंद का एडमिन है. इस ग्रुप में देश विरोधी गतिविधियां चल रही थीं. ये ग्रुप एक पाकिस्तानी मोबाइल नंबर से बना था. पाकिस्तानी नंबर इस्तेमाल कर रहे शख्स ने ही ताहिर को एडमिन बनाया था. गजवा-ए-हिंद ग्रुप में वर्तमान में कुल 181 सदस्य हैं, जिसमें भारत, पाकिस्तान व इस्लामिक देश के लोग शामिल हैं. इस ग्रुप के मेंबर्स बहुत सारे वीडियो पोस्ट, शेयर करते थे, जिनमें ज्यादातर भड़काऊ थे. ताहिर ने 30 जून 2022 को इस ग्रुप में चार पाकिस्तानी नंबर और एक भारतीय नंबर को जोड़ा. ताहिर ने WhatsApp पर 27 अप्रैल 2022 को गजवा-ए-हिन्द नाम से एक दूसरा ग्रुप भी बनाया, जिसमें 10 सदस्य हैं. इस ग्रुप में भी देश विरोधी गतिविधियां चल रही थीं.
ताहिर ने अपने WhatsApp के पर्सनल चैट में पाकिस्तानी नंबर, जो कि फोन में Markhor नाम से सेव था, उस पर 22 जून 2022 को रोमन हिंदी में चैटिंग की थी. इसमें लिखा गया था कि मैं ISI से हूं, ये काम पांच साल से कर रहा हूं और गजवा-ए-हिंद को प्रमोट कर रहे हैं.
इसके अलावा यू ट्यूब चैनल पर उपलब्ध बहुत सारे भड़काऊ वीडियो को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर किया गया है. इनके द्वारा एक पाकिस्तानी जेहादी जैद हामिद के पेज को लगातार फॉलो किया जाता है. मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गहन पूछताछ के लिए फुलवारीशरीफ थाने लाया गया. ताहिर ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म का संचालन करता है.
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