दिव्यांग बेटी पैदा होने के बाद पत्नी को दिया 3 तलाक, पति पहले से ही कर रहा था प्रताड़ित

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक शख्स ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया.

Update: 2021-08-26 18:13 GMT

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक शख्स ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया. महिला ने कुछ दिन पहले ही एक दिव्यांग बेटी को जन्म दिया था. इससे पहले भी उनकी एक दिव्यांग बेटी है. तीन तलाक देने के बाद आरोपी पति ने महिला को उसके भाइयों के साथ हलाला कराने की बात भी कही. आरोप है कि पति और ससुराल वाले शादी के कुछ साल बाद महिला से दहेज की मांग करने लगे थे. अब तीन तलाक देकर उसकी पिटाई की और दोनों दिव्यांग बच्चों के साथ उसे घर से निकाल दिया. पीड़िता ने एसपी से इंसाफ की गुहार लगाई है.

बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र के जरवा रोड लाल चौराहे की रहने वाली रफ़्फ़त राबिया की शादी करीब 6 साल पहले बलरामपुर निवासी आदिल अहमद के साथ हुई थी. शादी के बाद दोनों के दो बच्चे हैं. आरोप है कि शादी में मिले दहेज से ससुराल वाले नाखुश थे. इसको लेकर आए दिन ससुरालजन पीड़िता को प्रताड़ित करते थे. पीड़िता ने अपंग बच्ची को जन्म दिया तब से पति और अन्य ससुरालजनों ने पीड़िता के साथ और ज्यादा दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया.
मामला और बिगड़ गया, जब पीड़िता ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया तो वो बच्चा भी ठीक से बोलने में असमर्थ है. ससुराल वालों ने पीड़िता को निरंतर कम दहेज लाने का ताना देने के साथ ही अपंग बच्चों को जन्म देने का ताना भी देना शुरू कर दिया. और लगातार पीड़िता के साथ मारपीट की जाती रही.
पीड़िता ने आरोप लगाते हुए बताया कि 17 जुलाई 2021 को ससुराल वालों के चढ़ावे में आकर मेरे पति ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे तीन तलाक दे दिया. और दोनों दिव्यांग बच्चों के साथ घर से निकाल दिया. पीड़िता ने बताया कि इसके बाद 25 अगस्त को ससुराल वाले उसके घर आए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम्हें तलाक दे दिया गया है. तुमसे हमारा कोई मतलब नहीं है. जबकि तीन तलाक के बाद पति के भाइयों ने हलाला कराने की बात कहकर दोबारा निकाह कराने की बात कही.
तीन तलाक पीड़िता इस वक्त सदमे में है और उसने पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने एसपी से ससुरालजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. पूरे मामले की जांच कर संबंधित थाने में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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