सर्वदलीय बैठक के बाद बोली सरकार- नियमों के तहत सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार
विपक्षी दलों ने उठाए अपने-अपने मुद्दे.
नई दिल्ल (आईएएनएस)| संसद के बजट सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से कई मुद्दे उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के मुताबिक विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं।
कांग्रेस के बैठक में नहीं आने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लिखकर यह बताया था कि मौसम के चलते वो कश्मीर में फंसे हुए हैं इसलिए आज की बैठक में नहीं आ सकते, वो मंगलवार को आकर उनसे अलग से मुलाकात करेंगे।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने बताया कि उन्होंने बैठक में कहा कि सरकार को सदन का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी विधेयकों को पारित करवाने के लिए ही नहीं करना चाहिए। टीएमसी ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का भी मुद्दा उठाया। नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का मसला उठाया।
अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने सर्वदलीय बैठक में राम रहीम की परौल का मुद्दा उठाया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एक तरफ जहां एक रेपिस्ट को परौल पर परौल दी जा रही है तो वहीं कई वर्ष पहले सरकार द्वारा की गई घोषणा के बावजूद जेलों में 30 साल से बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है, परौल तक नहीं दी जा रही है। उन्होंने पंजाब का सामाजिक और राजनीतिक माहौल खराब करने का भी आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बैठक के बाद बताया कि उन्होंने बैठक में देश के करोड़ों लोगों द्वारा अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा एलआईसी में लगाने और एसबीआई में रखने का जिक्र करते हुए सरकार से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। संजय सिंह ने दावा किया कि बैठक में सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, आरजेडी सहित कई अन्य दलों ने भी इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट ) ने भी इसका समर्थन किया। सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने दिल्ली में एलजी के रवैये और दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं कराए जाने के मसले को भी उठाया।
बीजू जनता दल ने बैठक में केंद्र से राज्यों को मिलने वाले फंड में की जा रही कमी का मुद्दा उठाया तो वहीं बसपा ने चीन की सेना के घुसपैठ के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।