1934 के बाद अब 87 साल बाद इस रूट पर दौड़ी ट्रेन, इस कारण टूट गया था रेल नेटवर्क
इस वाशिंग प्लांट के शुभारंभ के साथ ही ट्रेनों के बोगियों के बाहरी भाग की धुलाई काफी कम समय में हो जाएगी साथ हीं पानी की भी काफी बचत होगी.
समस्तीपुर रेलमंडल के सहरसा-सरायगढ़-झंझारपुर-दरभंगा रेलखंड पर स्पीड ट्रायल के लिए आज यानी शनिवार को ट्रेन दौड़ी. 5 जनवरी, 1934 को आए विनाशकारी भूकंप के बाद निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया था.
अब 87 वर्षों बाद निर्मली से सरायगढ़ रेल लिंक से जुड़ जाएगा. इस तरह कोसी और मिथिलांचल के बीच सीधी रेल सेवा जल्द बहाल हो जाएगी. पूर्व मध्य रेल के जीएम ललित चन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि सितंबर 2020 में देश के प्रधानमंत्री ने कोसी ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया था. उस वक्त से कोसी और मिथिलांचल के लोगों को उम्मीद जगी थी कि रेल सेवा से वो सीधे जुड़ जाएंगे.
समस्तीपुर मंडल के आसनपुर कुपहा निर्मली - झंझारपुर रेलखण्ड पर स्पीड ट्रायल लिया जा रहा है. बता दें कि कोसी से मिथिलांचल को जोड़ने वाले आसनपुर कुपहा - निर्मली - झंझारपुर रेलखण्ड पर आमान परितर्वन का कार्य पूरा हो चुका है. इसी वजह से दो दिनों का स्पीड ट्रायल किया जा रहा है.
समस्तीपुर रेलमंडल के मीडिया प्रभारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि इस रेलखंड का जीएम ललित चन्द्र त्रिवेदी शनिवार को जायजा ले रहे है. इसके बाद सीआरएस का निरीक्षण तय होना है. उनके इंस्पेक्शन के बाद हरी झंडी मिलते ही इस रेलखंड पर यात्रियों के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकेगा.
समस्तीपुर रेलमंडल के सहरसा स्टेशन के कोचिंग डिपों में बने ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट का शुभारंभ किया पूर्व मध्य रेल के जीएम ललित चन्द्र त्रिवेदी ने किया. उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत रेलवे में भी सफाई पर जोड़ दिया जा रहा है. इस वाशिंग प्लांट से आधे घंटे में ही हमारे ट्रेनों के कोच अच्छे तरीके से साफ हो जाएगा.
जीएम ने कहा कि बिहार में यह ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट पहला है जो सहरसा में स्थापित हुआ है. डीआरएम अशोक माहेश्वरी ने बताया कि समस्तीपुर मंडल में प्रथम आटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट सहरसा स्टेशन पर तैयार किया गया है. इस वाशिंग प्लांट के शुभारंभ के साथ ही ट्रेनों के बोगियों के बाहरी भाग की धुलाई काफी कम समय में हो जाएगी साथ हीं पानी की भी काफी बचत होगी.