187 सालों बाद 120 किलो सोने से चमक रहा काशी विश्वनाथ मंदिर, आकर्षण का बना केंद्र

Update: 2022-02-28 06:06 GMT

वाराणसी: प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी रविवार को 'बूथ विजय सम्मेलन' में शामिल होने के बाद सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, लेकिन इस बार मंदिर का गर्भगृह हमेशा से अलग था क्योंकि 187 वर्षों बाद विश्वनाथ मंदिर में सोने के पत्रों की मढ़ाई हुई थी, जिसको देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तारीफ करते नहीं थक रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की शाम श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. मंदिर के गर्भ गृह में चल रहे स्वर्ण मंडन के कार्य के पूर्ण होने के पश्चात पहली बार पूजा करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्य को देखते हुए कहा कि अद्भुत और अकल्पनीय कार्य हुआ है. स्वर्ण मंडन से विश्व के नाथ का दरबार एक अलग ही छवि प्रदर्शित कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम करीब 6 बजे मंदिर परिसर पहुंचे. विश्वनाथ द्वार से प्रवेश करने के पश्चात मंदिर परिसर के उत्तरी गेट से गर्भगृह में प्रवेश किए. मंदिर के अर्चक सत्यनारायण चौबे, नीरज पांडे और श्री देव महाराज ने बाबा का षोडशोपचार पूजन कराया. पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ से जनकल्याण की कामना की.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर के अंदर चारों ओर लगे स्वर्ण के कार्य को देखा. उन्होंने कहा कि दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवताओं की आकृतियां स्वर्णमंडन के बाद और भी स्पष्ट प्रदर्शित हो रही हैं. स्वर्ण मंडन के बाद गर्भ गृह की आभा कई गुनी बढ़ गई है. उन्होंने बाबा को प्रणाम किया और मंगल कामना करते हुए मंदिर से बाहर आए.
इस दौरान परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव तो मंदिर में उपस्थित सेवादारों ने डमरु बजाकर उनका भव्य स्वागत किया. परिसर में उपस्थित शास्त्रियों ने मंगलाचरण कर प्रधानमंत्री का अभिवादन किया. पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री को अंगवस्त्रम और मोमेंटो भेंट किया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री अपने गंतव्य को रवाना हो गए.
मालूम हो कि आज से 187 वर्ष पहले पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने 22 मन होने से नाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्ण मंदिर कराया था, जिसके बाद अब दक्षिण भारत के दानदाताओं की मदद से गर्भगृह को 120 किलो सोने से स्वर्ण मंडित कराने का काम लगभग पूरा हो चुका है और काशीपुराधिपति के मंदिर का गर्भगृह सोने की आभा से दमकने लगा है.
मंदिर के अंदर की पूरी दीवारों पर सोने के पत्तर लगे हुए हैं. महाशिवरात्रि के पहले बचा सारा काम पूरा कर लिया जाएगा और इस बार शिव भक्त स्वर्णिम आभा में शिव और शक्ति के दर्शन कर सकेंगे.


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