हक पाने को गरजे जल विद्युत प्रोजेक्ट के प्रभावित

Update: 2024-05-03 11:12 GMT
सुन्नी। शिमला ग्रामीण के जल विद्युत प्रोजेक्ट सुन्नी बांध के प्रभावितों ने गुरुवार को प्रोजेक्ट स्थल खैरा में अपनी मांगों को न माने जाने के विरोध में कार्य बंद कर दिया। उससे पहले किसान सभा के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने सुन्नी बांध प्रबंधन एवं कंपनी अधिकारियों से लंबी वार्ता की। मजदूर नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में 11 पंचायतों के सैकड़ों किसानों ने बातचीत आयोजन स्थल पर खूब नारेबाजी की तथा अपनी मांगे पूरी न होने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया। 11 प्रभावित पंचायतों के बाशिंदों की प्रमुख मांगों में जमीनों का उचित मुआवजा देने, स्थानीय युवकों को प्रोजेक्ट में रोजगार देने।

प्रदूषण से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाने, चेबड़ी में क्रशर न लगाए जाने इत्यादि अनेकों मांगें कई महीनों से परियोजना प्रबंधन एवं कार्यरत कंपनी अधिकारियों के समक्ष उठाई जा चुकी हैं। परंतु किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि परियोजना प्रबंधन एवं कंपनी अधिकारियों को 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। कई महीनों से किसानों एवं अधिकारियों के बीच वार्ता हो चुकी है। परंतु कोई भी उचित समाधान नहीं निकल पाया है। अब आर पार की ही लड़ाई लड़ी जाएगी। इस अवसर पर किसान सभा चेबड़ी प्रधान कुंदन लाल, भिमी राम विभिन्न यूनिटों के किसान प्रतिनिधि एवं प्रभावित शामिल रहे।
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