धार्मिक स्थल पहली पायरी में प्रशासनिक मनमानी

Update: 2023-08-01 06:54 GMT

भोपाल। आकंठ भ्रष्टाचार में डूब चुकी जनपद पंचायत, जुन्नारदेव में हर दिन भ्रष्टाचार की एक नई कहानी बनती दिखाई दे रही है। नियम विरुद्ध तरीके से यहां तालाब, सड़क, पुलिया का मनमाफिक दरों पर टीएस कराए जाने और उसे अपने पसंदीदा नेताओं को ठेके पर दिए जाने का मामला चर्चा के घेरे में है। जनपद पंचायत जुन्नारदेव में तालाब, पुलिया और सड़क का काम अपने चहेतों को ठेके पर दिए जाने से भ्रष्टाचार चरम पर आ गया है। दमुआ के इन नेताओं के द्वारा तालाब, और पुलिया का महंगे दामों पर टीएस करवा कर घटिया एवं दोयम दर्जे का निर्माण कार्य कर बड़ी रकम को जपं अधिकारियों के साथ मिलकर समेट लिया जा रहा है। जनपद पंचायत जुन्नारदेव की भ्रष्टाचार की यह अमरबेल अब खासी बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार की अमरबेल अब धार्मिक क्षेत्र जुन्नारदेव विशाला की पहली पायरी तक को भी नहीं छोड़ रही है। यहां पर ग्राम सचिव के द्वारा बीते दिनों जनभागीदारी समिति के अस्तित्व में होने के बावजूद भी इस क्षेत्र के मंदिर में होने वाले विवाह आयोजन की रकम पंचायत की मद में जमा कर ली गई है। गौरतलब है कि यहां पर जनभागीदारी समिति का गठन कर इस क्षेत्र के उन्नयन की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन जनपद पंचायत के अधिकारी और ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के संयुक्त लूट के इस प्रयास के कारण यह क्षेत्र लगभग पिछ्ड़ता जा रहा है। ग्राम सचिव की इस बड़ी लापरवाही के कारण यहां गंदगी का साम्राज्य दिखता रहा है, जिसके कारण यहाँ आने वाले भक्तजनों को खासी असुविधा हो रही है। जुन्नारदेव जनपद पंचायत में ऐसे संगठित भ्रष्टाचार के इसी उदाहरण के कारण विकास कार्य अवरुद्ध होते दिखाई दे रहे हैं।

गंदगी से भरी बजबाजा रही है नालियां--

जनपद पंचायत जुन्नारदेव की इस जुन्नारदेव विशाला में गंदगी का जबरदस्त आलम है। गौरतलब है कि जुन्नारदेव विशाला ग्राम पंचायत में ही जनपद पंचायत का मुख्यालय है। जनपद पंचायत जुन्नारदेव के आला अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में बराबरी के ही साझेदार हैं। दरअसल यहां लगातार होने वाली लापरवाही को इन्हीं अधिकारी के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। आकंठ भ्रष्टाचार में डूब चुकी जनपद पंचायत जुन्नारदेव की इस ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला में बड़े स्तर पर सुधार की गुंजाइश है। स्थानीय जनों ने जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत से इस मामले में सीधा दखल देकर त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

निकम्मी साबित हो रही जनभागीदारी समिति---

धार्मिक आस्था और श्रद्धा का केंद्र इस पहली पायरी के उत्थान एवं उन्नयन हेतु तत्कालीन जिला कलेक्टर महेश चंद्र चौधरी के निर्देश पर यहां जनभागीदारी समिति का गठन किया गया था। यह जनभागीदारी समिति का कार्य इस धार्मिक क्षेत्र का तेजी से उन्नयन करना था, लेकिन एसडीएम की अध्यक्षता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) के नामित सचिव वाली इस जनभागीदारी समिति के नकारेपन के कारण स्थिति यहां बदहाल हो चुकी है। बीते कुछ वर्षों से इस जनभागीदारी समिति की बैठक भी नहीं किए जाने से इस क्षेत्र में अव्यवस्थाएं सर चढ़कर बोल रही हैं। स्थानीयजनों के द्वारा इस जनभागीदारी समिति को यथाशीघ्र सक्रीय किए जाने की मांग भी जिला कलेक्टर से की गई है।

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