अडानी ग्रुप ने लखनऊ हवाई अड्डे पर भारी शुल्क के फैसले के बाद दिया स्पष्टीकरण
लखनऊ हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग शुल्क में भारी वृद्धि के लिए आलोचना झेल रहे अडानी समूह ने 3 जून यानी गुरुवार को स्पष्टीकरण जारी किया।
लखनऊ हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग शुल्क में भारी वृद्धि के लिए आलोचना झेल रहे अडानी समूह ने 3 जून यानी गुरुवार को स्पष्टीकरण जारी किया। कंपनी ने ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बढ़ोतरी में अडानी ग्रुप की कोई भूमिका नहीं थी। बयान में कहा गया है कि लखनऊ हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी बर्ड वर्ल्डवाइड फ्लाइट सर्विसेज (बीडब्ल्यूएफएस) ने अदानी एयरपोर्ट को सूचित किए बिना शुल्क में संशोधन किया। यह कॉल उनकी सहमति के बिना और आवश्यक अनुमोदन प्रक्रिया का पालन किए बिना लिया गया।
अडानी समूह का यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट के तीन दिन के बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों के लिए ग्राउंड हैंडलिंग टैरिफ को 10 गुना तक बढ़ा दिया गया है। अडानी समूह ने दावा किया कि उसने बीडब्ल्यूएफएस को टैरिफ में बढ़ोतरी को छोड़ने और जमा हुए रुपयों को जल्द से जल्द वापस करने का निर्देश दिया है। बयान के अनुसार इस प्रक्रिया के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए समूह ने उन्हें बढ़े हुए शुल्क को छोड़ने और वसूली तत्काल प्रभाव से वापस करने का निर्देश दिया है।
मौजूदा आदेशों एवं दिशानिर्देशों के अनुसार, ग्राउंड हैंडलिंग शुल्क हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। अडानी समूह ने कहा कि हवाई अड्डे के संचालक की भूमिका सिर्फ ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी के चयन तक सीमित है।
कंपनी के अनुसार अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाई अड्डों का परिचालन का अनुबंध लेने के बाद कंपनी ने खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया तहत जीएच एजेंसियों का चयन किया था। कंपनी का कहना है कि एजेंसी हायर होने के बाद आवश्यक सुरक्षा और नियामक अनुमोदन प्राप्त करने सभी काम उसी को करना होते हैं।