शिमला। नगर निगम जून से पूरे शहर को डोर-टू-डोर सर्वे करने वाला है। इस सर्वे से जहां नगर निगम अपनी जमीन को चिन्हित करेगा, वहीं शहर में हो रहे अवैध निर्माण की भी सूची तैयार करेगा। शिमला शहर में 80 प्रतिशत लोगों ने अपने घरों की कंप्लीशन रिपोर्ट नहीं ली है। ऐसे में कई लोगों ने नक्शे से ज्यादा अपने घरों को बढ़ा दिया है। ऐसे में इन्हें टैक्स चोरी के अंर्तगत लिया जाना है। ऐसे टैक्स चोरों की भी नगर निगम अगल सूची तैयार करेगा। नगर निगम पूरे शहर के सर्वे से विकास कार्यों को लेकर भी एक अगले कार्य शुरू करेगा। शहर के हर वार्ड में एमसी का जमीनी विवाद है। यानी जब भी स्थानीय पार्षद किसी भी चीज का निर्माण कार्य करना तय करता है तो पार्षद के पास सबसे बड़ी मुसीबत जमीन की होती है। हालांकि हर वार्ड में नगर निगम की जमीन है, लेकिन उस पर कई लोगों ने कब्जा भी कर रखा है।
ऐसे में सर्वे के दौरान नगर निगम कब्जाधारियों को भी हटाएगा और अवैध निर्माण करने वालों पर भी कार्रवाई करेगा। इससे पार्षदों को भी फायदा होगा पार्षदों को किसी भी प्रकार के निर्माण कार्योंे के लिए जमीन ढंूढनी की जरूरत नहीं होगी। शहर के हर वार्ड में पार्किंग बनाने का प्रस्ताव नगर निगम के पास आया है, लेकिन जमीन न होने के कारण कई वार्डों में पार्किंग का निर्माण नहीं हो पा रहा है। नगर निगम के सूत्रों की मानें तो अधिकतर वार्ड में अवैध निर्माण और अवैध कब्जाधारियों के कारण यह दिक्कतें पेश आ रही हैं। ऐसे में अब नगर निगम अपनी जमीन के सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद हर वार्ड में अपनी जमीन चिन्हित करेगा। इसके लिए नगर निगम डोर-टू-डोर अभियान चलाकर हर वार्ड का निरीक्षण करेगा।