कार्रवाई : महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को ED का समन, जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री व शिवसेना नेता अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजकर तलब किया है।

Update: 2021-08-29 17:52 GMT

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री व शिवसेना नेता अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजकर तलब किया है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा गया है। इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह तो होना ही था। पार्टी का इसका कानूनी तरीके से मुकाबला करेगी। अनिल परब राज्य की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के विधायी कार्य मंत्री भी हैं। उन्हें मुंबई स्थित ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष मंगलवार को पेश होने का कहा गया है।

राउत ने किया ट्वीट- समन की क्रोनोलॉजी समझिए
शिवसेना नेता व सांसद संजय राउत ने मामले में ट्वीट कर कहा कि अनिल परब को ईडी का नोटिस मिला है। जांच एजेंसी से ऐसे ही नोटिस की 'उम्मीद' थी। पार्टी इसका कानूनी तौर पर मुकाबला करेगी। राउत ने ट्वीट कर कहा- 'बहुत अच्छे, जैसे ही जन आशीर्वाद यात्रा संपन्न हुई अनिल परब को ईडी का नोटिस मिल गया। केंद्र सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया। भूकंक का केंद्र रत्नागिरी था। परब इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं। क्रोनोलॉजी को समझिए। हम कानूनी नोटिस का मुकाबला कानूनी तौर पर करेंगे। जय महाराष्ट्र'। भूकंप के केंद्र को लेकर राउत का इशारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को हाल ही में रत्नागिरी जिले से गिरफ्तार किए जाने को लेकर था।

देशमुख पांच बार टाल चुके ईडी के समक्ष पेशी
बता दें, इस मामले में देशमुख को भी ईडी ने पांच बार समन भेज कर तलब किया है। लेकिन वे अब तक एक बार भी जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। इसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं।

क्या है मामला
महाराष्ट्र में 100 करोड़ रुपये के रिश्वत सह फिरौती मामले की ईडी जांच कर रहा है। यह महाराष्ट्र पुलिस में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है, जिसे लेकर मुंबई के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाए हैं। परमबीर सिंह के आरोपों के चलते ही अप्रैल में देशमुख को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई भी 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के केस को लेकर केस दर्ज कर चुकी है। देशमुख का कहना है कि परमबीर सिंह ने ये आरोप मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटा जाए के बाद दुर्भावनावश लगाए हैं।
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