मेघदूत एप पर मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, एप को सरकार बनाएगी प्रोग्रैसिव
शिमला। कृषि व बागवानी क्षेत्रों के लिए खतरा और आपदा का पर्याय बन चुके मौसम को लेकर राज्य सरकार गंभीर हो गई है। मौसम के पूर्वानुमान और सटीक जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए अब मेघदूत एप को सरकार ने प्रोगै्रसिव बनाने का निर्णय ले लिया है। राज्य सरकार मौसम पूर्वानुमान एवं किसानों को खेतीबाड़ी के दृष्टिगत दिए जाने वाले परामर्श को और अधिक सटीक बनाने के दृष्टिगत मेघदूत एप्लीकेशन को उन्नत बनाएगी। तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण यह निर्णय लिया गया है क्योंकि यह कृषि और बागवानी क्षेत्रों के लिए खतरा बनकर उभर रहा है। राज्य में इस वर्ष भारी बारिश के कारण भारी क्षति और जान-माल को काफी नुक्सान हुआ है, साथ ही कृषि और बागवानी क्षेत्रों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण प्रदेश भर में जगह-जगह पर खेत व बगीचे बह गए और करोड़ों रुपए की फसलें बर्बाद हो गईं। सरकार ने पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग को प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों और बागवानों को एप से जोडऩे के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में मेघदूत एप्लीकेशन मौसम की जानकारी और पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान प्रदान करती है।
जिसमें खंड स्तर तक बारिश, तापमान, आद्र्रता, हवा की गति और दिशा संबंधी डाटा शामिल है। ये कारक कृषि कार्यों बुआई एवं कटाई से जुड़ी आवश्यक जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हंै। मेघदूत एप में किए जाने वाले प्रमुख सुधारों में किसानों को प्रतिकूल मौसम के प्रति सचेत करने और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत करना शामिल है। एप्लीकेशन फसलों की बुआई एवं कटाई आदि प्रक्रियाओं से संबंधित सटीक विशेषज्ञ जानकारी प्रदान करेगी। इसके इस्तेमाल से किसान चुनौतियों के प्रति उचित कदम उठाने में सशक्त होंगे। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभ प्राप्त कर रहे राज्य के किसानों को मेघदूत एप्लीकेशन के साथ एकीकृत कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एप द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में सुधार लाने के लिए रूपरेखा भी तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषकों और बागवानों के लिए जलवायु संबंधी अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे उनकी आजीविका में आशातीत सुधार सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी कृषि संबंधी गतिविधियों से जुड़ी है और मेघदूत एप को उन्नत कर इसके इस्तेमाल को सुलभ बनाना किसानों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही की आपदाओं ने राज्य सरकार को कृषि क्षेत्र में चल रही मौजूदा नीतियों के पुनर्मूल्यांकन एवं पुनर्गठन के प्रति प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार भविष्य की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए निर्माण गतिविधि नियमों में संभावित संशोधन पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।