दिल्ली में पढ़ने वाली महिला इस देश की बनी प्रधानमंत्री

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Update: 2024-11-19 04:12 GMT

दिल्ली/श्रीलंका। हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री बनाई गई हैं. अमरसूर्या श्रीलंका में प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाली तीसरी महिला हैं. राजनाति में कदम रखने से पहले वह श्रीलंका की ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुकी हैं. हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनी हैं लेकिन पढ़ाई उन्होंने भारत से की है. उनकी एजुकेशन को देखते हुए राजनीति के साथ-साथ उन्हें उनकी शैक्षणिक योग्यता के लिए भी जाना जाता है. श्रीलंका के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने वाली हरिनी अमरसूर्या की उम्र 54 वर्ष है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत के दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1988-89 में श्रीलंका में तमिल आंदोलन को लेकर हालात हिंसक हो गए. इस दौरान स्कूल, कॉलेज बंद हो गए. ऐसे में हरिनी अमरसूर्या आगे की पढ़ाई के लिए भारत आ गईं.

वर्ष 1990 में, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया था, जहां से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने 1991 से 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. इस दौरान चर्चित फिल्ममेकर इम्तियाज अली और पत्रकार अर्नब गोस्वामी उनके बैचमेट थे. इसके बाद, उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से सामाजिक मानविकी में पीएचडी की. अपनी शैक्षिक यात्रा के दौरान, वह श्रीलंका विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में कार्यरत रही हैं, जहां उन्होंने समाजशास्त्र और मानविकी के विषयों पर गहन शोध और शिक्षा दी.

प्रधानमंत्री के रूप में हरिनी अमरसूर्या को चुने जाने पर हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा पर गर्व व्यक्त किया था. अंजू श्रीवास्तव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि "यह जानना सम्मान की बात है कि एक हिंदूवादी श्रीलंका का प्रधान मंत्री बन गया है. हरिनी 1991 से 1994 तक समाजशास्त्र की छात्रा थीं और हमें उनकी उपलब्धियों पर बेहद गर्व है. मुझे उम्मीद है कि हिंदू कॉलेज में उनके समय ने उन्हें आकार देने में भूमिका निभाई है सफलता की राह. उन्होंने आगे कहा, "हिंदू कॉलेज में छात्र सरकार की एक लंबी परंपरा है, और हम हर साल एक प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता का चुनाव करते हैं. हरिनी की नियुक्ति हमारे कॉलेज के ऐतिहासिक इतिहास में एक और मील का पत्थर है."


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