शिव बारात में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु, साधु संन्यासी और भूत- पिशाच बनकर नाचे बच्चे, देखें PHOTO

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Update: 2022-03-01 14:01 GMT

काशी: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भोले बाबा की नगरी काशी में बाकायदा शिव बारात निकाली जाती है. शहर के अलग-अलग शिवालयों से शिव बारात निकालने की वर्षों पुरानी परंपरा है. महाशिवरात्रि पर काशी में जगह-जगह शिवालयों से शिव बारात निकालती है. बाबा की बारात में भूत, प्रेत, दानव, असुर, अड़भंगी, साधु-संन्यासी और यहां तक कि देवी-देवता भी बाराती बने रहते हैं. ऐसी ही एक शिव बारात काशी क भेलूपुर इलाके के तिलभांडेश्वर मंदिर से भी निकालती है.

महाशिवरात्रि के मौके पर काशी में तमाम जगहों से शिव बारात निकाली जाती है. इन्हीं में से एक शहर के भेलूपुर इलाके में स्थित तिलभान्डेश्वर मंदिर से भी कई वर्षों पहले से शिव बारात निकाली जा रही है.
यह बारात शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए वापस तिलभांडेश्वर मंदिर पर पहुंची. शिव बारात के दौरान पूरा वातावरण ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजों की गूंज से गुंजायमान हो उठा. वहीं श्रद्धालु शिव में रम गए.
श्री तिलभांडेश्वर शिव बारात समिति वाराणसी के अध्यक्ष राम बाबू यादव ने कहा कि दोपहर के वक्त निकाली गई शिव बारात पूरे शहर का भ्रमण करके शाम के वक्त वापस मंदिर पर आकर खत्म होती है.
इस दौरान देवी देवताओं का स्वरूप रखे श्रद्धालुओं के अलावा भूत, प्रेत, पिशाच, दानव और भोले बाबा के सभी गण भी बारात में शरीक होते हैं. पूरे रास्ते हर हर महादेव का उद्घोष होता रहता है. शिव बारात में ऊंच-नीच, भेद-भाव मिटाकर सभी एक समान सिर्फ शिव भक्त हो जाते हैं.



 




 




 




 




 


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