ड्रोन से बोवनी कर सकता है किसान, युवा इंजीनियर ने कर दिखाया ऐसा कमाल

Update: 2021-07-01 16:33 GMT

खेती को लाभ का धंधा बनाने और उसमें नई तकनीक अपनाने की बात रोज हो रही हैं. नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. जबलपुर के एक युवा इंजीनियर ने तो कमाल ही कर दिया. उसने खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है. इस युवा इंजीनियर ने बुवाई के लिए ड्रोन का उपयोग करके हर किसी को हैरान कर दिया. ट्रैक्टर और सीडड्रिल की मदद से खेतों में बुवाई करने का तरीका अब बदल गया है. आने वाले समय में ड्रोन की मदद से खेतों में बीज बोया जाएगा. जबलपुर के माढ़ोताल क्षेत्र में रहने वाले अभिनव ठाकुर ने अब बुवाई के लिए ड्रोन का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने ऐसा ड्रोन बनाया है जिसमें बीच लोड कर दो तो वो पूरे खेत में उसे बो देगा.

इस ड्रोन की खासियत ये है कि इसमें 30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता है. इसमें एक टैंक फिट है जिसमें धान या गेहूं के बीज को भर दिया जाता है. उसके बाद ये ड्रोन खेत के ऊपर उड़कर बीज को क्यारियों में छिड़क देता है. अभिनव ने बीएचयू के वैज्ञानिकों के आग्रह पर इसका प्रयोग मिर्जापुर के खेतों में करके दिखाया.

अभिनव ने बताया कि यूपी के अधिकतर जिलों में धान की कटाई होने के बाद ठंड का मौसम आ जाता है जिससे वहां के खेत सूख नहीं पाते. ट्रैक्टर या सीडड्रिल से गेहूं की बोवनी करना मुश्किल हो जाता है. गेहूं के बीज का छिड़काव किया जाता है जिसमें कई तरह की परेशानियां भी आती हैं. इस समस्या की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपने ड्रोन को मॉडिफाई किया. इसमें टैंक के नीचे सीडड्रिल जैसे छेद वाली फनल यानी चाड़ी लगाई और इसी के माध्यम से बीज नीचे गिरता है. इस डेमो के दौरान सैकड़ों किसान और कृषि वैज्ञानिक भी खेत मे मौजूद थे जिन्होंने इसे खेती का भविष्य बताया.

अभिनव का कहना है इसके लिये किसान को ड्रोन ऑपरेट करने का ज्ञान होना जरूरी है. मोबाइल या टेबलेट में गूगल मैप की मदद से खेत का नक्शा फीड किया जाता है. उसके बाद एक बार स्टार्ट करने पर यह बीज या बैटरी खत्म होने तक खुद ही खेत के एरिया के अनुसार बोवनी करता रहता है और बीज या बैटरी खत्म होने के बाद वापस अपनी जगह पर आटोमेटिक लैंड होकर रुक जाता है.

ड्रोन से बोवनी करने के कुछ फायदे भी सामने आए हैं. जैसे इस तकनीक में ट्रैक्टर ट्राली की जरूरत नहीं है. और ना ही किसान को खेत मे जाना पड़ेगा. बल्कि खेत के एक कोने में खड़े होकर किसान बोवनी कर सकता है. ड्रोन की फनल से एक निश्चित मात्रा में ही बीज निकलता है जिससे बीज की बर्बादी नहीं होती. ड्रोन मैप की मदद से एक ही दिशा में चलता है जिससे हर बीज निश्चित दूरी पर तय मात्रा में गिरता है और फसल के पौधे एक लाइन में उगते हैं.

अभिनव ने करीब 8 लाख रुपये की लागत से इस ड्रोन को बनाया है. ये बोवनी के साथ साथ दवा के छिड़काव में भी सक्षम है. इसके लिए सिर्फ ड्रोन के नीचे लगी चाडियों को हटाकर स्प्रेयर लगाना पड़ता है. दो साल पहले अभिनव ने इसी ड्रोन की मदद से खेतों में दवा का छिड़काव करके दिखाया था. अभिनव का यह ड्रोन भविष्य की कृषि तकनीक का उदाहरण है जिसे यूपी के वैज्ञानिक अभिनव के साथ मिलकर कम लागत में और भी ज्यादा प्रभावी बनाने में जुटे हैं.

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