नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता सुरेश करमशी नखुआ की ओर से दायर मानहानि मामले में यूट्यूबर ध्रुव राठी को समन जारी किया है। भाजपा मुंबई इकाई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए एक वीडियो में उन्हें 'हिंसक और अपमानजनक' ट्रोल कहा था। भाजपा प्रवक्ता ने राठी से 20 लाख रुपए का हर्जाना भी मांगा है।
साकेत कोर्ट की जिला जज गुंजन गुप्ता ने अंतरिम राहत के लिए भाजपा प्रवक्ता की याचिका पर राठी को नोटिस भी जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को तय की है। भाजपा नेता ने कहा कि साइबर स्पेस पर ध्रुव राठी की ओर से लगाए गए झूठे आरोपों से उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई है और इससे उनकी बदनामी हुई है।
ध्रुव राठी ने कथित अपमानजनक वीडियो में दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर नखुआ और उनके जैसे हिंसक और अपमानजनक ट्रोल्स की मेजबानी की थी। दरअसल, ये मामला 7 जुलाई को शुरू हुआ जब ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल “माई रिप्लाई टू गोदी यूट्यूबर्स ( एल्विश यादव ) के शीर्षक से रिलीज किया। रिलीज हुए इस वीडियो को देखकर ही नखुआ ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ये आरोप बिना किसी “तर्क या कारण” के हैं, इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
बता दें कि ध्रुव राठी जाने माने यूट्यूबर और इंफ्लुएंसर हैं। उनके यूट्यूब पर 23 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। वह ज्यादातर सोशल, राजनीति और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करते हैं। राठी अपने कंटेट को लेकर कई बार सवालों में घिरते रहे हैं। उन पर एकतरफा वीडियो बनाने का भी आरोप लगता रहा है।