6 साल की बच्ची से हैवानियत: कोर्ट ने 2 महीने के अंदर सुनाया ये ऐतिहासिक फैसला

न्यायालय ने सख्त सज़ा का फरमान सुनाया...

Update: 2020-10-20 03:37 GMT

फाइल फोटो 

हापुड़ में अपर जिला जज बीना नारायण की अदालत ने एक 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी के आरोपी दलपत को मरने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मात्र 2 महीने के ट्रायल के बाद सोमवार को इस वीभत्स रेपकांड में न्यायालय ने सख्त सज़ा का फरमान सुनाया. आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) बीना नारायण ने रेप के बाद हत्या के एक मामले में 15 अक्टूबर 2020 को दो आरोपियों को फांसी की सजा भी सुनाई थी.

मासूम से रेप की यह घटना 6 अगस्त 2020 की शाम को जनपद हापुड़ के गढ़ थानाक्षेत्र में हुई थी. इस साइको किस्म के आरोपी दलपत को कड़ी मेहनत के बात एसपी संजीव सुमन ने गिरफ्तार किया था. लगभग 10 दिनों तक तक इस आरोपी ने बड़े ही नाटकीय ढंग से पुलिस को परेशान किया था और आखिरकार पुलिस उसे पकड़ने में कामयाब हो गई थी.

यह मामला हापुड़ की अपर ज़िला जज और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बीना नारायण की अदालत में चल रहा था. कोर्ट ने एक मासूम छह साल की बच्ची से बलात्कार के मामले में सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमे आरोपी को मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है.

फैसले के बारे में जिला हापुड़ के डीजीसी क्राइम कृष्णकांत गुप्ता ने बताया कि थाना गढ़ क्षेत्र में 6 अगस्त 2020 में 6 साल की बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी कि आरोपी दलपत बाइक पर बैठाकर बच्ची को अपहरण करके ले गया और पूरी रात एक खेत में उसके साथ बलात्कार करता रहा. पुलिस और परिजन पूरी रात बच्ची को ढूंढते रहे. सुबह बच्ची एक खेत में बेहोश पड़ी मिली थी. बच्ची के साथ बुरी तरह हैवानियत की गई थी. इसी मामले में न्यायालय ने मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

बताते चलें कि अगस्त में वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया था. आरोपी दलपत ने कानून को चकमा देने के लिए अपना सुसाइड नोट और कपड़े गंगा नदी के किनारे छोड़ दिये थे, जिसमें उसने लिखा था कि वह पुलिस से बचने के लिए गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर रहा है. लेकिन एसपी हापुड़ संजीव सुमन ने आरोपी के सुसाइड नोट पर यकीन न करते हुए सर्च अभियान जारी रखा और आरोपी दलपत पर 2.5 लाख का इनाम घोषित कराया था. इसके बाद 15 अगस्त को पुलिस ने आरोपी दलपत को गिरफ्तार कर लिया था.

अब इस मामले में महज 50 दिनों की सुनवाई के बाद दोषी दलपत को मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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