ब्रिटेन से भारत लौटेगी 8वीं सदी की प्राचीन मूर्ति 'योगिनी', 40 साल पहले यूपी के इस गांव से हुई थी गायब

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Update: 2021-12-12 02:24 GMT

नई दिल्ली: 40 साल पहले यूपी के गांव से हुई थी गायबभारत की कई ऐसी प्राचीन और बेशकीमती मूर्तियां हैं, जो कई सालों से दूसरे देशों में धूल फांक रही हैं. अब पिछले कुछ समय से उन मूर्तियों को दोबारा भारत लाने का काम तेजी से हो रहा है. इसी कड़ी में यूपी को भी अब बड़ी सौगात मिलने वाली है. 8वीं सदी में गायब हो गई योगिनी वाली मूर्ति भारत को ब्रिटेन से वापस मिलने जा रही है.

इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक विजय कुमार बताते हैं कि ये योगिनी की मूर्ति साल 1978 से 1982 के बीच यूपी के लोखरी गांव से गायब हो गई थी. बताया गया कि ये एक काफी दुर्लभ मूर्ति है, जिसकी आदिवासी समाज काफी पूजा करता था. अब वर्तमान में ये मूर्ति एक यूके की महिला के पास से मिली है. दरअसल आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल के संस्थापक क्रिस्टोफर मारिनेलो को जानकारी मिली कि एक महिला अपने घर का सामान बेच रही थी. उसी सामान में ये प्राचीन मूर्ति भी देखी गई. जब उस मूर्ति के बारे में पूछा गया तब महिला को इसका कोई अंदाजा नहीं था.
क्या है गायब होने की कहानी?
इसके बाद मारिनेलो ने ही इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक विजय कुमार से संपर्क साधा और उन्होंने पुष्टि कर दी कि ये मूर्ति यूपी के गाव लखेरी की है जो आज से 40 साल पहले गायब हो गई थी. अभी के लिए हर तरह की औपचारिकता को पूरा कर लिया गया है और जल्द ही ये योगिनी वाली मूर्ति भारत को सौंप दी जाएगी. इस मूर्ति को इतना ज्यादा दुर्लभ इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि इसका सिर बकरे का है और बाकी शरीर इंसान का. विजय कुमार ने जानकारी दी है कि 1988 में सोथबी के कैटलॉग में इस मूर्ति को ब्रिकी के लिए रख दिया गया था. तब इसकी कीमत 15 लाख के करीब लगाई गई थी.
इस बारे में आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल के संस्थापक क्रिस्टोफर मारिनेलो बताते हैं कि उन्होंने मूर्ति के वापस पहुंचने के बाद भारतीयों के चेहरे पर खुशी देखी है. उन्होंने अहसास किया है कि वहां पर लोगों को इन मूर्तियों से कितना लगाव है. वे ये मानने लगे हैं कि भगवान भी अपना रास्ता और घर खुद ही चुन लेता है.

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