8 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या, बड़े पापा निकला दरिंदा, पुलिस से बोलता रहा झूठ
150 से अधिक मकानों की तलाशी.
जबलपुर: मध्य प्रदेश में 8 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले का पुलिस ने 14 दिन बाद खुलासा किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी बच्ची का रिश्तेदार लगता है। मासूम उसे बड़े पापा कहकर बुलाती थी। आरोपी शराब के नशे का आदी है और नशे में ही उसने बच्ची को 20 रुपये का लालच देकर गलत काम किया। फिर पकड़े जाने के डर से गला दबाकर शराब की दुकान के पास बने तालाब में फेंक दिया।
आरोपी की तलाश में पुलिस ने 100 से अधिक संदेही और 150 से अधिक मकानों की तलाशी ली। इस दौरान आरोपी पूरे समय पुलिस के साथ रहा और गुमराह करता रहा। शक के आधार पर पुलिस ने आरोपी से सात बार पूछताछ की लेकिन आरोपी इतना शातिर था कि पुलिस उससे कुछ ना उगलवा पाई। आखिरकार पुलिस को सख्त रवैया अपनाना पड़ा जिसके बाद आरोपी टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी की पहचान मुकेश के तौर पर हुई है। वह वारदात के बाद सामान्य तरीके से गांव में रह रहा था। उसने किसी को अपने ऊपर शक तक नहीं होने दिया।
जबलपुर के थाना पामनागर क्षेत्र के पड़रिया गांव में 26 मार्च को एक 8 साल की बच्ची की तालाब में लाश मिली। ग्रामीणों को आशंका थी कि किसी ने बच्ची के साथ गलत काम के बाद हत्या करके तालाब में फेंक दिया है। इस बात से नाराज ग्रामीणों ने तालाब के पास लगी शराब की दुकान में तोड़फोड़ करते हुए चक्का जाम भी किया था। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में शराब की दुकान होने से आए दिन इस प्रकार की घटना होती रहती है। इसे लेकर ग्रामीण और महिलाएं लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही थीं।
आरोपी मुकेश इतना शातिर था की जांच के दौरान पुलिस की टीम जब भी घटनास्थल पर जाती, वह भी टीम के साथ जाता। जब भी पुलिस उसे बुलाती, वह तुरंत चला जाता था। ऐसे व्यवहार करता, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। हालांकि, इस दौरान वह बच्ची के घर नहीं गया। वारदात के बाद से गांव की छात्राओं में भय का माहौल बन गया था। उन्होंने स्कूल तक जाना छोड़ दिया था। परिजन भी बच्चियों को आंगनबाड़ी नहीं भेज रहे थे। पनागर थाना प्रभारी अजय सिंह ने बताया की आरोपी मुकेश इतना शातिर है कि वह पुलिस के साथ जांच के दौरान साथ रहा।
पुलिस ने उससे सात बार पूछताछ की लेकिन वह पुलिस को गुमराह करता रहा। शक के आधार पर मुकेश वंशकार को अलग-अलग दिनों में पूछताछ के लिए 7 बार बुलाया गया। वह लगातार बयान बदलता रहा। कभी कहता- बच्ची से मिला है। कभी बच्ची को पहचानने से ही मना कर देता। उसने जांच डायवर्ट करने का भी प्रयास किया। एक बार तो पुलिस ने भी मान लिया कि शायद वह आरोपी नहीं होगा। इसी बीच, तालाब के पास दो युवक गांजा पीते मिले और पुलिस को देखकर भागने लगे। उन्होंने बताया कि बच्ची मुकेश वंशकार के साथ देखी थी। इसी आधार पर पुलिस ने जब सख्त रवैया अपनाया तो उसने सच उगल दिया।
थाना प्रभारी अजय सिंह ने बताया की जांच में पुलिस और क्राइम ब्रांच की नौ टीमें लगी थीं। पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। 150 से ज्यादा घर खंगाले। उन लोगों से भी पूछताछ की, जो घटना वाले दिन मंदिर के आसपास शराब पी रहे थे। जब सफलता नहीं मिली, तो पुलिस ने पड़रिया सहित जलगांव, निपनिया गांव के 25 संदेहियों का डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा। इनमें आरोपी मुकेश वंशकार भी शामिल है। हालांकि DNA रिपोर्ट आना बाकी है। गांव की महिलाओं का कहना है कि आरोपी के पकड़े जाने के बाद अब लड़कियां स्कूल जा सकेंगी। उनकी मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पुलिस इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कह रही है।